CG Ki Baat: रायपुर। राजधानी रायपुर में बीते 6 दिनों में 9 हत्या की वारदातें हुईं, वो भी तब जबकि साल का सबसे बड़े त्योहार दीपावली की रौनक रही। छत्तीसगढ़ का राज्योत्सव जारी है, जिसके लिए VVIP मेहमानों और दिग्गज कलाकारों का प्रदेश में मूवमेंट है, जाहिर है ऐसे में पुलिस की चौकसी और चैकिंग दोनों बढ़ जाती है। राजधानी में पं धीरेंद्र शास्त्री जैसे विख्यात प्रवचन कर्ता का जहां धार्मिक आयोजन हो रहा हो उससे कुछ दूरी पर दिनदहाड़े गैंगवार में गोलियां चले तो किसी का भी हैरान होना स्वाभाविक है, विपक्ष अब रायपुर को क्राइम कैपिटल कह रहा है तो सत्ता पक्ष, विपक्ष को भ्रम फैलाने वाला बताकर घेर रहा है, कितने सही हैं ये आरोप। देखिए ये खास रिपोर्ट..
राजधानी रायपुर में सोमवार को जिस वक्त सत्तासीन दल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंहदेव प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, ठीक उसी वक्त रायुपर सेंट्रल जेल के दरवाजे पर दिन-दहाड़े एक गैंग में शामिल युवक शेख साहिल पर, दूसरे गैंग के लोगों ने एक के बाद एक दो गोलियां चलाई। इस गोलीकांड में साहिल की गर्दन पर गोली लगी जबकि बगल में खड़ा उसका भाई भी घायल हो गया। साहिल और उसका परिवार अपने जेल में बंद भाई से मिलने पहुंचा था, जिनके निकलते ही उस पर घात लगाए हमलावरों ने फायरिंग कर दी। फायरिंग के बाद अफरा-तफरी मची और आनन-फानन में घायल को मेकाहारा पहुंचाया गया। घटना पर पुलिस के पास कोई ठोस जवाब ना था।
प्रदेश की कानून व्यवस्था पर विपक्ष के चौतरफा आरोपों पर जवाब देने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरणसिंह देव से गोलीकांड को लेकर सवाल पूछा तो वो भी असमंजस में पड़ गए। जाहिर है इस मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस छिड़ गई है। विपक्ष का सीधा आरोप है कि, बीजेपी सरकार के राज में लॉ-एंड-ऑर्डर ध्वस्त है, विपक्ष की मांग है कि प्रदेश के गृहमंत्री इस्तीफा दें। विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी नेता पलटवार कर रहे हैं। राजधानी में जेल के सामने हुए गोलीकांड की वजह दो गुटों के बीच चल रहा गैंगवार बताया गया।
सवाल है कि अंधेरे में, जेल की दीवारों के भीतर का गैंगवार अब दिनदहाड़े खुलकर सड़कों पर आ गया है। इतना ही नहीं जब प्रदेश में राज्योत्सव को लेकर MP के CM डॉ मोहन यादव पहुंचे हैं। घटनास्थल से चंद मीटर पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री की कथा कार्यक्रम है। ऐसे माहौल में जबकि दीपावली जैसे बड़े त्योहार पर अतिरिक्त पुलिसबल की तैनाती होती है। VVIP मूवमेंट के दौरान राजधानी में जगह-जगह चैकिंग बढ़ जाती है, उस वक्त बीते सात दिन में 9 चाकूबाजी और कल्त की वारदातें, पुलिस की शैली पर, व्वस्था पर गंभीर सवाल जरूर उठा रही हैं।
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