Bhupesh Baghel X Post Politics: रायपुर। एक तरफ विपक्ष प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता प्रकट करता है, पुलिस को एक्टिव होने, फौरन एक्शन लेने की नसीहत देता है तो वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष के नेता, पूर्व सीएम साहब, मौजूदा एसपी को सोशल प्लेटफार्म पर देख लेने की चेतावनी जारी करते हैं। सत्ता पक्ष ने विपक्ष के इस रवैये को सियासी हथकंडा बताते हुए इस पर सवाल उठाया है। बीजेपी ने पूछा कि मुख्यमंत्री जैसे पद पर रहे नेता को क्या IPS को धमकाना उचित है, क्या उन्हें ये अधिकार प्राप्त है, क्या उनके पास इंसाफ पाने के कोई अन्य वैधानिक टूल्स नहीं बचे हैं, जो उन्हें ऐसे धमकाने पर आना पड़ा। सबसे बड़ा सवाल ये है कि पक्ष हो, विपक्ष हो कोई भी हो क्या वो कानून से ऊपर हैं?
CM भूपेश ने X पर पोस्ट कर लिखा कि, SP दुर्ग और उनके आका ठीक तरह से समझ लें। सत्ता उलटती-पलटती रहती है, काम ऐसे ही कीजिएगा कि भविष्य में आंख मिला सकें। इस पोस्ट में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सीधे-सीधे दुर्ग SP को चेता या यूं कहें कि धमका रहे हैं, कि सत्ता परिवर्तन के बाद परिणाम कैसा हो सकता है। वैसे, पूर्व CM ने इसके अलावा एक के बाद एक कई और भी पोस्ट कर कुछ विडियोज पोस्ट करते हुए दुर्ग पुलिस को कठघरे में खड़ा किया। इधर, कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी का कहना है कि ये तो चोरी पर सीनाजोरी वाली बात है। पुलिस-कानून अपना काम कर रही है, जिससे बौखलाकर कांग्रेस सियासी हथकंडे दिखा रही है, पुलिस अफसर को सीधे-सीधे काम करने से रोकने धमका रही है।
दरअसल, बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस के बार-बार नोटिस के बावजूद अपना बयान दर्ज कराने जब कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव थाने ना पहुंचे तो 17 अगस्त को उन्हें बलौदाबाजार पुलिस ने भिलाई में उनके घर से गिरफ्तार किया। कोर्ट ने देवेंद्र यादव को न्यायिक रिमांड पर रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इसके अगले ही दिन से गिरफ्तारी के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन की शुरूआत की। 25 अगस्त को दुर्ग में पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए।
मामला और गर्मा गया, जब पूर्व सीएम के काफिले को रोकने उसके सामने बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की, जिसके खिलाफ कांग्रेस ने थाने में शिकायत की। लेकिन, पुलिस आरोपियों पर कोई एक्शन लेती उससे पहले ही कांग्रेसियों ने काफिला रोकने वाले बीजेपी नेताओं को छावनी में जमकर पीटा, जिसका CCTV फुटेज सामने आ चुका है। आज फिर कांग्रेस के काफिले को रोकने के विरोध स्वरूप जब कांग्रेसी थाना घेराव को निकले तो पुलिस ने उन्हें बलप्रयोग कर खदेड़ दिया। इसी को लेकर पूर्व CM ने दुर्ग पुलिस के लिए ये X पोस्ट किया।
विपक्ष पुलिस-प्रशासन और सरकार पर दबाव की सियासत का आरोप लगा रहा है तो बीजेपी कांग्रेस पर कानूनी प्रक्रिया को सियासी रंग देने की कोशिश का आरोप लगा रही है। यहां सवाल ये है कि क्या मुख्यमंत्री पद पर रह चुके राजनेता का खुलेआम सोशल मीडिया पर एक IPS को धमकाना उचित है, क्या विपक्ष के नेता के पास जिस लोकतंत्र की दुहाई दी जार ही है उसी लोकतंत्र से हासिल वैधानिक टूल्स नहीं हैं, न्याय पाने के लिए ?