रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ पुलिस इन दिनों बांग्लादेशी घुसपैठियों की तलाश में अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही है। सरकार की कार्रवाई के चलते प्रदेश में मौजूद घुसपैठिए यहां से भाग रहे हैं। ये दावा है प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा का। दरअसल, बीजेपी विपक्ष में रहते हुए, पिछली कांग्रेस सरकार के दौर में छत्तीसगढ़ में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी पर सवाल उठाती रही। अब जबकि वो खुद सरकार में है तो घुसपैठियों के खिलाफ सख्ती से अभियान चला रही है। सरकार का दावा है कि कार्रवाई के तहत अब तक 2000 से अधिक लोगों पर एक्शन हो चुका है। जाहिर है इस मुद्दे पर सियासत गर्माई हुई है।
छत्तीसगढ़ में पक्ष-विपक्ष में छिड़ी इस बहस से साफ है कि प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा गरमाया हुआ है। अवैध घुसपैठिय़ों की पहचान के लिए प्रदेश में कवर्धा, भिलाई समेत कई चुनिंदा इलाकों में छापे मारे जा रहे हैं, जिसमें वैध दस्तावों के बिना, कार्रवाई के डर से पहचान छिपा कर रहने वाले कई संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठी राज्य छोड़ चुके हैं तो कईयों के मोबाइल बंद मिल रहे हैं। पुलिस के मुताबिक ज्यादातर संदिग्ध बांग्लादेशी घुसपैठिए फेरी लगाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों पर पुलिस की कड़ी नजर है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा का दावा है कि,अब तक तकरीबन ढेड़ से 2 हजार लोगों को पहचाना गया है,बिना वैध दस्तावेज, संदिग्ध लोगों के लिए छत्तीसगढ़ में कोई जगह नहीं है, ऐसे लोग दोबारा ना घुस सकें इसका इंतज़ाम होगा।
CG Ki Baat: दूसरी तरफ घुसपैठियों के खिलाफ जारी कार्रवाई को विपक्ष भाजपा का चुनावी स्टंट बता रहा है। पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने पूछा कि आखिर देश में घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी किसकी है ? देश में-प्रदेश में बीजेपी की डबल इंजन सरकार है फिर भी इसे ना रोक पाना सीधे-सीधे सरकार का फेलुअर है । किसी भी देश में अवैध तरीके से घुसपैठियों का आना, देश के भीतर छिपकर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। ये गंभीर मुद्दा है जिसे रोकने बिना सियासी पैंतरेबाजी के लगातार ईमानदार प्रयास होने चाहिए। मांग इस बात की भी है कि ना सिर्फ ऐसे अवैध घुसपैठिए पहचान कर खदेड़े जाएं बिल्कि उन्हें प्रदेश में पनाह देने वालों को भी धऱा जाए सवाल ये कि क्या मौजूदा एक्शन पर्याप्त है ?