Ram Van Gaman Path Chhattisgarh: रायपुर। हमने 5 साल में राम-वन-गमन-पथ विकास किया बीजेपी ने क्या किया, ये कह-कह कर कांग्रेस ने बीते 5 साल में कई बार बीजेपी को घेरा। उसी राम-वन-गमन-परिपथ में हड़बड़ी ,गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार उसकी जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई का दावा कर रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है सत्ता में बीजेपी है, जांच कराए।
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय अक्सर इस बात पर बहस होती रही कि राम के नाम पर किसने असल काम किया। कांग्रेसियों का दावा रहा है कि उन्होंने राम के ननिहाल छत्तीसगढ में राम वन गमन पथ पर वास्तविक काम किया। तब विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने बार-बार प्रोजेक्ट में गलत जगहों के चयन, गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाये। अब सत्ता बदल चुकी है सो प्रदेश की मौजूदा साय सरकार ने तय किया है कि राम वन गमन पथ प्रोजेक्ट की जांच कराई जाएगी। सीएम विष्णुदेव साय ने दो टूक कहा कि पुरानी सरकार की कई योजनाओं में गड़बड़ी है। उन सब की जांच करवाकर, दोषियों पर कार्रवाई करेंगे। इस पर कांग्रेस सरकार में संस्कृति मंत्रि रहे अमरजीत भगत ने कहा कि, बीजेपी सत्ता में है चाहे जिसकी, उसकी जांच कराए, लेकिन बदले की भावना से कार्रवाई ना की जाए।
वहीं, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेसियों को भगवान राम के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने वाला बताते हुए जमकर घेरा, तो डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस को राम के नाम पर दिखावा करने वाली पार्टी बताते हुए नसीहत दी कि कांग्रेसी सोचें की वो कहां हैं। पटवार में पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राम मंदिर सबके सहयोग से बना है, किसी पार्टी विशेष के सहयोग से नहीं, सो इसपर बीजेपी राजनीति ना करें ।
राम वन गमन परिपथ प्रोजेक्ट कांग्रेस की भूपेश सरकार की फ्लैगशिप योजना रही है। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में राम के वनवास काल में जहां-जहां से वो वनवास काल में गुजरे, उन्हें वन गमन परिपथ में शामिल किया। इसके तहत कोरिया से सीतामढ़ी हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक कुल 2260 किलोमीटर के रुट पर कुल 9 प्रमुख स्थानों को चिन्हित कर प्रभु श्रीराम की भव्य मूर्तियां भी लगाई। सड़कमार्ग का भी विकास किया। दरअसल, ऐसा कर प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार ने राम नाम पर बीजेपी के एकाधिकार को तोड़ने का प्रयास किया। अब बीजेपी सरकार उसी फ्लैगशिप योजना में गलतियों और भ्रष्टाचार को सामने लाकर इसे कांग्रेस का प्रोपेगेंडा सिद्ध करना चाहती है। सवाल है, क्या इस प्रोजेक्ट में वाकई गलत जगहों का चयन हुआ, भ्रष्टाचार हुआ या फिर इस राम मय वातावरण में कांग्रेस को पूरी तरह से बैकफुट पर लाना चाहती है बीजेपी?