रायपुर। लाख इंकार करें, लेकिन साफ है कि देश के राजनीतिक दल सियासत और धर्म को अलग-अलग नहीं रख पा रहे हैं। पहले सांप्रदायिता के आरोप पर सियासत चमकाई जाती थी, अब दौर सनातन पर सियासत का है। शिव-भक्ति के महीने श्रावण में छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सनातन मान-अपमान के बहाने सत्ता-पक्ष आमने-सामने हैं। हुआ ये है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी सरकार के मुखिया ने शिव-भक्तों पर कांवड़ियों पर आसमान से फूल बरसाये हैं। ऐसा करके भाजपा सरकार का दावा है कि उन्होंने सनातनियों का मान बढ़ाया है। इसी बहाने कांग्रेस की पिछली सरकार के दौरान हुए भगवा ध्वज विवाद की याद भी दिलाई है। सवाल ये है कि क्या इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ पॉलिटिकल माइलेज लेने के लिए है, क्या इसका प्रभाव पड़ेगा। देखिए IBC24 की ये खास रिपोर्ट..
शिवभक्ती के महीने, श्रावण मास में तीसरे सोमवार पर, प्रदेशभर से हजारों कांवरिए, भगवा ध्वज के साथ भोरमदेव पहुंचे, जहां कांवरियों पर राज्य सरकार की ओर से हेलिकॉप्टर से फूल बरसाये गए। ये पहली बार है जब राज्य में गृहमंत्री की ओर से सरकार की ओर से किसी ने ऐसी पहल की CM साय ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार सनातनियों पर लाठी बरसती थी। अब बीजेपी की सरकार है जो सनातनियों पर फूल बरसा रही है। प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इसी कवर्धा में कांग्रेस शासनकाल में सनातनियों का बहुत अपमान हुआ, इसलिए अब सनातनियों के सम्मान में फूलों की वर्षा की गई। जिन पुलिस वालों ने कभी बेकसूर सनातनियों पर लाठी बरसाई थी। वहीं, पुलिसवाले कांवरियों की आरती उतार रहे हैं।
दरअसल, भूपेश सरकार के वक्त 3 अक्टूबर 2021 को कवर्धा में भगवा ध्वज विवाद में दो पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद और तनाव ऐसा कि जिले में कई दिनों धारा 144 लगाई गई। इसी घटना के वक्त तत्कालीन प्रदेश भाजपा महामंत्री और मौजूदा गृह मंत्री विजय शर्मा को जेल भेजा गया था, जिसे दुर्भाग्यजन बताते हुए अब कांवड़ियों पर फूल बरसाकर वो घटनाक्रम याद दिलाया गया। हालांकि, सरकार का ये कदम विपक्ष को रास नहीं आया है। पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि कांवड़ियों पर फूल बरसाना अच्छी बात है लेकिन सत्ता पक्ष को जाति-धर्म के आधार लोगों को बांटने वाली पॉलिटिक्स नहीं करनी चाहिए।
साफ है कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ में सनातियों के मान-सम्मान के बहाने एक बार फिर पिछली सरकार को हिंदुत्व के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा कर ही है। वजह भी साफ है, छत्तीसगढ़ियावाद के साथ-साथ पिछळी भूपेश सरकार ने राम-वन-गमन पथ और कौशल्या माता मंदिर के बहाने बीजेपी को पिछले 5 साल जमकर घेरा है। अब बीजेपी याद दिला रही है कि छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार ने कैसे सनातनियों को पीड़ित-प्रताड़ित किया है, जिनके मान-सम्मान का साय सरकार ध्यान रख रही है। सवाल है क्या राज्य की जनता की इस पर क्या सोच है, वो इसे कैसे देखती है?