CG Ki Baat: 400 वाहन, 15 माह..देर भी..अंधेर भी..! जनता की कमाई का ऐसा हश्र? 400 गाड़ियों का अब तक इस्तेमाल क्यों नहीं ? |

CG Ki Baat: 400 वाहन, 15 माह..देर भी..अंधेर भी..! जनता की कमाई का ऐसा हश्र? 400 गाड़ियों का अब तक इस्तेमाल क्यों नहीं ?

CG Ki Baat: 400 वाहन, 15 माह..देर भी..अंधेर भी..! जनता की कमाई का ऐसा हश्र? 400 गाड़ियों का अब तक इस्तेमाल क्यों नहीं ?

Edited By :   Modified Date:  November 25, 2024 / 08:53 PM IST, Published Date : November 25, 2024/8:53 pm IST

रायपुर। CG Ki Baat: पिछली कांग्रेस सरकार ने 400 गाड़ियां खरीदी और डंप कर दी फिर आई साय सरकार के भी करीब 1 साल हो चुके हैं, लेकिन 15 माह से किसी का भी ध्यान उन गाड़ियों पर नहीं गया। न माननीयों ने, ना साहबों ने और ना ही बाबुओं ने किसी ने भी कोरोड़ों रूपये खर्च कर खरीदी गईं गाड़ियों की सुध नहीं ली। सवाल ये है कि जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदे इन वाहनों की बर्बादी पर पूरी व्यवस्था अंधी बनी मौन क्यों है ?

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सरकार की सुशासन की मंशा को आखिर कौन पलीता रहा है ? इस बीच एक नहीं दो-दो सरकारों का कार्यकाल रहा लेकिन आखिर क्यों जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदी 400 गाड़ियों की बर्बादी का हिसाब किसी ने नहीं लिया। जाहिर है विपक्ष ने इसे लेकर सीधे-सीधे सरकार को जम्मेदार बताते हुए प्रदेश सरकार के सुशासन पर सवाल उठाया है तो जवाब में बीजेपी कांग्रेस को पिछले कार्यकाल के घोटाले गिनाकर, जांच और जानकारी ना होने का हवाला देकर, बचाव का रास्ता ढूंढती नजर आई।

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दरअसल, कांग्रेस सरकार के वक्त ‘डायल-112’ सेवा के तहत 400 बोलेरो गाड़ियां खरीदीं गईं जिन्हें प्रदेश के 22 शहरों में तैनात होना था, 2022-23 के बजट में भूपेश सरकार ने योजना विस्तार के तहत जारी फंड वापस ना लौट जाए, इसके लिए कमेटी बनाते हुए बोलेरो B-6 मॉडल की गाडियां खरीदना तय किया, एक गाड़ी की ऑन रोड प्राइस-10 लाख रुपए के हिसाब से कुल 40 करोड़ में 400 व्हीकल खरीदे गए, जुलाई- अगस्त 2023 में गाड़ियां डिलेवर हुईं, जिसके बाद दिसंबर में सरकार बदल गई बाद में डायल 112 के सर्विस संचालन में देरी की शिकायतों पर संबंधित कंपनी को डिफाल्टर बताते हुए टेंडर निरस्त किया गया और नया टेंडर अब तक जारी नहीं हुआ है। नतीजा बिना उपयोग के गाड़ियां कबाड़ बन रही हैं।

CG Ki Baat: सवाल ये है कि 400 वाहनों के जखीरे पर ना तो पिछली सरकार का ध्यान गया और अब एक साल बीतने के बाद भी मौजूदा सरकार ने संज्ञान क्यों नहीं लिया, जबकि चुनावी दौर में सुशासन, मितव्ययता और सादगी का दम भरने में कोई दल पीछे नहीं रहता।

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