रायपुर: CG Govt Cut quota of Free Rice Scheme साल 2021 के लिए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी सीएजी की वार्षिक रिपोर्ट शुक्रवार को विधानसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की ऑडिट रिपोर्ट पेश करते हुए कई गड़बड़ियों का उल्लेख किया गया है।
CG Govt Cut quota of Free Rice Scheme रिपोर्ट बताती है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अऩ्य योजना शुरू की गई थी, ताकि गरीबों को अतिरिक्त चावल मिल सके। लेकिन इस योजना के शुरू होते ही छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने अपनी योजना के तहत बांटे जाने वाले चावल में कटौती कर दी। इसके चलते 31 लाख परिवारों को कोई भी अतिरिक्त चावल नहीं मिल सका। जबकि, 136 लाख परिवारों को 5 किलो अतिरिक्त चावल की जगह सिर्फ 3 किलो अतिरिक्त चावल मिल सका। वहीं, 30 हजार से ज्यादा प्रवासी परिवारों को निशुल्क चावल नहीं मिल सका।.
बात इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना की करें तो इसके तहत उनके अकाउंट में सीधे पैसे भी नहीं पहुंच रहे हैं। लाभार्थियों को एक से दो महीने देरी से पेंशन राशि मिल रही है। कई हितग्राही ऐसे भी मिले जो केंद्र और राज्य दोनों की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
वहीं, राज्य मे सीमेंट कार्य की गुणवत्ता को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। 7 हजार 400 सैंपल में से 6 हजार 852 सैंपल फेल हो गए, यानी, 95 प्रतिशत ऐसे काम स्तर और गुणवत्ताविहीन किए गए हैं। राज्य में वाणिज्यकर विभाग के काम काज में भी लापरवाही देखी गई। वस्तुओं के गलत वर्गीकरण के चलते करीब 9 करोड़ रुपए का कम टैक्स मिल सका।
सीजीएमएससी ने ऑटो स्वीप की लिमिट बहुत ऊपर रखी, जिसके बैंकों को काफी फायदा हुआ है और सीजीएमएससी को करीब 4 करोड़ रुपए ब्याज के कम मिले। उसी तरह, सीएसईबी के अपंजीकृत ठेकेदारों को भी जीएसटी का भुगतान हुआ है, इससे साढ़े 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।