B.Ed. Teachers Arrested Raipur Full Update in Hindi: रायपुर: भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में घुसपैठ और चक्काजाम के आरोपों में B.Ed. आंदोलनकारी सहायक शिक्षकों पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। बुधवार को 30 प्रदर्शनकारी शिक्षकों को जेल भेजा गया था, और आज फिर 10 और शिक्षकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इन्हें भी जल्द जेल भेजने की तैयारी है।
गिरफ्तारी के बाद शिक्षकों के परिजन बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने बच्चों की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि उनके बच्चे हिरासत में हैं या नहीं। परिजनों का कहना है कि स्थिति के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
B.Ed. Teachers Arrested Raipur Full Update in Hindi: यह विवाद तब शुरू हुआ जब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अप्रैल 2024 में आदेश दिया कि 2,855 सहायक शिक्षकों के पदों पर B.Ed. योग्यताधारी शिक्षकों को हटाकर उनकी जगह D.Ed (D.El.Ed) योग्यताधारी अभ्यर्थियों को नियुक्त किया जाए।
हाईकोर्ट ने राज्य के शिक्षा विभाग को इस आदेश का पालन दो सप्ताह के भीतर करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, शिक्षा विभाग ने समय पर आदेश का पालन नहीं किया, जिससे अदालत ने इसे अवमानना का मामला मानते हुए विभाग को सख्त चेतावनी दी। 12 दिसंबर को हुई सुनवाई में विभाग को आदेश लागू करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया।
B.Ed. Teachers Arrested Raipur Full Update in Hindi: B.Ed. सहायक शिक्षकों का आरोप है कि उन्हें नौकरी से हटाना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन से अपनी आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन अनदेखी होने पर उन्होंने उग्र प्रदर्शन का सहारा लिया। शिक्षकों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय के पास धरना दिया और परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया।
प्रदर्शन के दौरान स्थिति बिगड़ने पर रायपुर की माना पुलिस ने बुधवार को 30 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इन पर बिना अनुमति रैली निकालने और तोड़फोड़ करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने सभी के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की।
B.Ed. Teachers Arrested Raipur Full Update in Hindi: B.Ed. योग्यताधारी सहायक शिक्षक मांग कर रहे हैं कि उन्हें नौकरी से न निकाला जाए। उनका कहना है कि यह फैसला उनके और उनके परिवारों के लिए संकटपूर्ण है। वे चाहते हैं कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करे और B.Ed. शिक्षकों को सेवा में बनाए रखे।
यह मामला राज्य सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। एक ओर हाईकोर्ट का आदेश है, तो दूसरी ओर शिक्षकों का बढ़ता आक्रोश। सरकार को जल्द ही इस विवाद का समाधान निकालना होगा ताकि शिक्षकों और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके।