रायपुरः Railway Connectivity in CG छत्तीसगढ़ को संवारने की दिशा में आगे बढ़ रही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली सरकार ने अपने अल्प कार्यकाल में कई अहम और बड़े फैसले लिए हैं, जिसके कारण पूरे प्रदेश में विकास की नई बयार चल पड़ी है। प्रदेश में साय़ सरकार के प्रयासों से जमकर अधोसंरचना के काम हो रहे हैं। बस्तर, सरगुजा सहित मैदानी इलाकों में सड़कों का जाल बिछ चुका है। अभी कई सड़कों के निर्माण को स्वीकृति मिली है। बीते दिनों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 4 नई सड़क परियोजनाओं की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। वहीं रेलवे कनेक्टिविटी के लिए साय सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
Railway Connectivity in CG प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेलवे स्टेशनों को आधुनिक, सुसज्जित केंद्रों में बदलने के उद्देश्य के साथ देश में अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरूआत की है। इसके अंतर्गत 1309 स्टेशनों को रीडेवलप किया जाना है। इसमें स्टेशनों को आधुनिक बनाना, यात्री सुविधाओं का विस्तार, यात्रियों का मैनेजमेंट और बेहतर साइन सिस्टम बनाया जाना है. इस योजना में छत्तीसगढ़ के 21 रेलवे स्टेशन शामिल है। कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, सरोना, भाटापारा, डोंगरगढ़, भिलाईनगर, हथबंध, बिल्हा, बैकुंठपुर रोड अम्बिकापुर, उसलापुर, पेंड्रा रोड, जांजगीर नैला, चांपा, बाराद्वार, दल्लीराजहरा, भानुप्रतापपुर, निपनिया, मंदिरहसौद एवं भिलाई स्टेशन को इस योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। बीतें दिनों इनमें से 7 स्टेशनों का शिलान्यास पीएम मोदी ने किया था।
साय सरकार के प्रयासों छत्तीसगढ़ में रेल सुविधा बढ़ रही है। एक ओर जहां सामान्य ट्रेनों का परिचालन हो रहा है तो दूसरी ओर वंदे भारत जैसे आधुनिक ट्रेनों की सौगात मिल रही है। साय सरकार के प्रयासों से प्रदेश को दो वंदे भारत ट्रेनों की सौगात मिली है। वर्तमान में बिलासपुर से नागपुर के बीच वंदे भारत ट्रेन चल रही है। वहीं दुर्ग से विशाखापट्टनम के बीच भी एक वंदे भारत ट्रेन का संचालन हो रहा है। पीएम मोदी ने हाल ही अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई थी। वंदे भारत जैसे आधुनिक ट्रेनों के संचालन से प्रदेशवासियों में खुशी की लहर है। साय सरकार इसकी संख्या और बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।
साय सरकार के प्रयासों से हाल ही में छत्तीसगढ़ में दो नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। रायगढ़ जिले में स्थित भालुमुड़ा से ओड़िशा के सारडेगा तक 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन की मंजूरी दिए जाने से मौजूदा रेल नेटवर्क का विस्तार होगा। 37 किलोमीटर नई दोहरी रेल लाइन परियोजना से 25 लाख मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा और 84 करोड़ किलो कार्बन डाइाक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी जो 3.4 करोड़ वृक्षों के रोपण के तुल्य है। इसके अलावा कोरबा से अंबिकापुर तक और दूसरी गढ़चिरौली- बीजापुर से बचेली तक नई रेल लाइन के अंतिम सर्वे और डीपीआर निर्माण की स्वीकृति मिली है। गढ़चिरौली से बीजापुर होते हुए बचेली तक 490 किलोमीटर की नई रेल लाइन के सर्वे को मिली स्वीकृति बस्तर के सर्वसमावेशी विकास की गति को कई गुना बढ़ाने वाली है।