Padma Shri Award 2024: नृत्य वेद के कलागुरु, जिसने सहेजा रायगढ़ घराने को.. रामलाल बरेठ का पद्मश्री से सम्मान | Ram lal Bareth Padma Shri Award 2024

Padma Shri Award 2024: नृत्य वेद के कलागुरु, जिसने सहेजा रायगढ़ घराने को.. रामलाल बरेठ का पद्मश्री से सम्मान

Edited By :   Modified Date:  January 26, 2024 / 08:05 AM IST, Published Date : January 26, 2024/8:05 am IST

नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के 110 विभूतियों को पद्मश्री सम्मान दिए जाने का एलान किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के कथक नर्तक पंडित राम लाल बरेठ, नारायणपुर के वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी तथा जशपुर के श्री जागेश्वर यादव का नाम शामिल हैं। भारत सरकार द्वारा पंडित राम लाल बरेठ को कला क्षेत्र में, वैद्यराज श्री हेमचंद मांझी को चिकित्सा क्षेत्र में तथा श्री जागेश्वर यादव को समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा।

कौन हैं रामलाल बरेठ

रायगढ़ के कलागुरु रामलाल बरेठ आज पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाएंगे। रामलाल बरेठ को रायगढ घराने को सहेजने और कला के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए इस सम्मान से नवाजा जा रहा है। 88 वर्षीय रामलाल बरेठ जाने माने कथक नर्तक हैं। वे राजा चक्रधर के दरबार रत्नों में से एक माने जाते हैं। रामलाल बरेठ ने राजा चक्रधर के सानिध्य में नृत्य की शिक्षा दीक्षा ली थी। उन्होने 1981 में राजा चक्रधऱ नृत्य वेद में सहायक गुरु के पद पर रहते हुए बडी संख्या में कलाकारों को कथक की नृत्य विधा से जोड़ा और उन्हें नृत्य में पारंगत किया।। केंद्र सरकार ने उन्हें 1996 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान से नवाज चुकी है। साल 2002 में उन्हें शिखर सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।साल 2006 में उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार ने राजा चक्रधऱ सम्मान से सम्मानित किया। आज वे सीएम विष्णुदेव साय के हाथों पद्म श्री सम्मान से नवाजे जाएंगे। रामलाल बरेठ के बेटे भूपेन्द्र बरेठ भी कथक गुरु हैं।

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जानें हेमचंद मांझी को

नारायणपुर के हेमचंद मांझी ख्याति प्राप्त वैद्य है। वह 15 साल की उम्र से ही अपने पारंपरिक औषधि ज्ञान से जरूरतमंद लोगों का इलाज कर रहे है। विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों से वह इलाज के लिए बहुत कम राशि लेते हैं। जब उनकी उम्र 15 वर्ष की थी, तभी से वह जरूरतमंदों की चिकित्सा कर रहे है। अबूझमाड़ के जंगलों में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों का उन्हें विशेष ज्ञान है।

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जागेश्वर का भी सम्मान

जशपुर के जागेश्वर यादव, की प्रसिद्धि बिरहोर के भाई के रूप में है। आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता यादव ने अपना पूरा जीवन बिरहोर और पहाड़ी कोरवा जनजाति के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने जशपुर में आश्रम की स्थापना की और निरक्षरता उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवा के मानकों को बेहतर बनाने का काम किया है। वे समाज के उत्थान लिए साल 1980 से कर काम रहे है। वे आज भी बिरहोर परिवार के साथ नंगे पांव चलते है। जागेश्वर यादव बगीचा विकासखण्ड के भितघरा गांव के निवासी है।

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