Raigarh’s Marine Drive came into controversy
रायगढ़। शहर में केलो नदी के किनारे नगर निगम द्वारा निर्मित नया मरीन ड्राइव विवादों में है। नगर निगम ने साढ़े तीन किमी की सड़क निर्माण के लिए 3 करोड़ का टेंडर जारी किया था। नियमानुसार एजेंसी को मरीन ड्राइव में सड़क निर्माण के साथ-साथ एक ओर पाथ वे का निर्माण करना था। एजेंसी ने रोड का निर्माण तो कर दिया, लेकिन पाथ वे का निर्माण ही नहीं किया। खास बात ये है कि निगम की ओर से पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया गया। ऐसे में भाजपा भ्रष्टाचार और गड़बडी का आरोप लगा रही है।
दरअसल नगर निगम ने केलो नदी के किनारे मरीन ड्राइव को नए सिरे से बनाने की योजना बनाई थी। इसके लिए 3 करोड़ का टेंडर जारी किया था। योजना के तहत एजेंसी को सड़क निर्माण के साथ साथ पांच फीट चौड़ा पाथ वे का निर्माण भी सड़क के साथ साथ करना था, लेकिन एजेंसी ने सड़क निर्माण कर ही काम की इतिश्री कर ली। हद तो तब हो गई जब निगम ने पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया। विपक्ष ने जब हो हल्ला मचाया तो निगम अब फिर से पाथ वे निर्माण के लिए नया टेंडर जारी कर रहा है। इसे लेकर भाजपा सवाल उठा रही है।
भाजपा का कहना है कि एक ही सड़क के निर्माण के लिए दो-दो बार टेंडर कैसे किया जा सकता है। अगर एजेंसी ने पाथ वे निर्माण नहीं किया है तो निर्माण उसी एजेंसी से कराया जाना चाहिए, लेकिन नगर निगम पाथ वे निर्माण के लिए फिर से नया टेंडर जारी कर रहा है। ऐसे में इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। भाजपा ठेका एजेंसी से राशि की रिकवरी की मांग भी कर रही है। इधऱ मामले में मेयर सफाई दे रही हैं।
मेयर का कहना है कि पूर्व के टेंडर में सिर्फ सडक निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था। पाथ वे का निर्माण किसी कारणवश नहीं हो पाया था। इसके लिए नए सिरे से टेंडर जारी किया जा रहा है। निर्माण में कहीं कोई गडबडी नहीं है। भाजपा को अगर किसी तरह का शक है तो वो निर्माण की फाइल देख सकती है। IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट
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