Reported By: Avinash Pathak
, Modified Date: January 4, 2024 / 03:39 PM IST, Published Date : January 4, 2024/3:37 pm ISTरायगढ़। Raigarh News: राज्य शासन ने शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए रायगढ़ नगर निगम को पांच करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी। नगर निगम को इस राशि से शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन का विस्तार करना था। योजना के तहत पाइप लाइन विस्तार के लिए मार्च 2024 तक की डेड लाइन तय की गई थी, लेकिन जानकर हैरत होगी कि राशि स्वीकृति होने के पांच महीने बाद भी नगर निगम योजना के तहत काम शुरु नहीं कर पाया है। ऐसे में इस गर्मी भी शहर के लोगों को टैंकरों के भरोसे रहना पड़ेगा। वहीं मामले में लेटलतीफी को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है।
शासन से मांगी थी राशि
दरअसल शहर में केलो नदी का पानी घर-घर तक पहुंचाने के लिए अमृत मिशऩ योजना शुरु की गई थी। योजना की राशि खत्म होने की वजह से शहर में तकरीबन 15 किमी की पाइप लाइन का विस्तार नहीं हो पाया था। इस वजह से शहर के मध्य स्थित कई वार्ड भी इस योजना से अछूते थे। नगर निगम ने राज्य शासन से पाइप लाइन विस्तार के लिए राशि मांगी थी जिस पर राज्य शासन ने पांच करोड़ की स्वीकृति दी थी। ये भी निर्देश दिया गया था कि गर्मी के पहले काम पूरा कर लें। लेकिन नगर निगम की उदासीनता की वजह से जनवरी माह में भी टेंडर की प्रक्रिया फाइलों में अटकी हुई है। जिन कार्यों का टेंडर हो चुका है उनका भी वर्क आर्डर नहीं मिलने की वजह से काम शुरु नहीं हो पाया है। ऐसे में नगर निगम में विपक्ष में बैठी भाजपा सवाल उठा रही है।
मेयर ने स्वीकारी देरी की बात
Raigarh News: भाजपा का कहना है कि पिछली गर्मी में नगर निगम ने वार्डों से बोर निकलवा दिया है। पाइप लाइन कनेक्टिविटी का काम शुरु नहीं हुआ है। ऐसे में शहर सरकार की उदासीनता के चलते इस गर्मी भी पानी के लिए त्राहि-त्राहि की स्थिति निर्मित होगी और शहरवासियों को टैंकरों के भरोसे रहना पड़ेगा। इधऱ मामले में मेयर भी योजना में देरी की बात स्वीकार कर रही हैं। मेयर का कहना है कि राशि खत्म होने की वजह से योजना में देरी हुई है। हालांकि उऩका कहना है कि पाइप लाइन के विस्तार के लिए टेंडर किया जा चुका है। योजना के तहत जल्द से जल्द काम करने के निर्देश एजेंसी को दिए गए हैं। गर्मी के पहले काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। गर्मी में पानी की समस्या न हो इसके लिए तैयारी की जा रही है। टैंकर व बोर के जरिए जलापूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।