रायगढ़। जिले में बारिश के चलते हर साल महानदी के आसपास में बसे 65 गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। महानदी का जल स्तर बढ़ते ही नदी तट से लगे 65 गांव टापू बन जाते हैं। जिले के पुसौर ब्लाक में स्थित सूरजगढ़, नदीगांव, तोरा, लिप्ती, पोरथ, सहित दो दर्जन से अधिक गांव तो हर साल बाढ़ की चपेट में आते हैं। बाढ़ की वजह से ना सिर्फ ग्रामीणों के घर बार डूबते हैं बल्कि फसलें भी नष्ट हो जाती है। बीते साल भी बाढ़ की वजह से इलाके में 5 हजार एकड़ से अधिक की फसल बर्बाद हुई थी। ऐसे में इलाके के ग्रामीण बाढ़ की त्रासदी झेलने को मजबूर हैं।
दरअसल महानदी के इर्द-गिर्द रायगढ़ जिले में तकरीबन 65 गांव स्थित हैं। नदी तट पर होने की वजह से बारिश में जैसे ही नदी का जलस्तर बढ़ता है महानदी का पानी इन गांवों में घुस जाता है। इस इलाके में सालों से महानदी के तट पर तटबंध बनाने की मांग की जाती रही है। पूर्व विधायक डॉ शक्राजित नायक ने इलाके के लोगों को तटबंध बनवाने का भरोसा दिलाया था। सरकार ने महानदी के तट का सर्वे कराने की योजना भी बनाई थी, लेकिन अब तक योजना फाइलों में ही दबी रह गई।
आलम यह है कि गंगरेल डैम के गेट खुलते ही महानदी का जलस्तर बढ़ता है और बाढ़ का पानी सीधे इन गांव में पहुंचता है। किसान बाढ़ से तो जैसे तैसे ऊबर जाते हैं लेकिन बाढ़ के पानी के साथ आई रेट मिट्टी के कण फसलों को बर्बाद कर देते हैं। ऐसे में किसान हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलने को मजबूर हैं। IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट
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