Malnutrition figures are not decreasing

Raigarh news: जिले में कम नहीं हो रहे कुपोषण के आंकड़े, इस साल इतने फीसदी बच्चे पाए गए कुपोषित

जिले में कम नहीं हो रहे कुपोषण के आंकड़े, इस साल इतने फीसदी बच्चे पाए गए कुपोषित Malnutrition figures are not decreasing

Edited By :   Modified Date:  April 26, 2023 / 07:13 PM IST, Published Date : April 26, 2023/7:12 pm IST

रायगढ़। जिले में स्वास्थ्य विभाग कुपोषण दूर करने लगातार अभियान चलाने का दावा कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी जिले में कुपोषण के आंकड़े कम नहीं हो रहे हैं। जिले में इस साल इस साल 12.96 फीसदी बच्चे कुपोषित पाए गए हैं। कुपोषण का ये आंकड़ा बीते साल से भी अधिक है। खास बात ये है कि कुपोषण दूर करने बीते साल विभाग ने पोषण आहार व विविध कार्यक्रमों के नाम पर तकरीबन दस करोड खर्च किया है। ऐसे में विभागीय कार्यशैली को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

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दरअसल रायगढ़ जिले में अगस्त से दिसंबर माह तक वजन त्यौहार मनाया गया था। इस दौरान महिला बाल विकास के द्वारा कुपोषण के जो आंकड़े पेश किये गए हैं वे चिंताजनक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुपोषण के आंकड़े बढ़ गए हैं। बीते वर्ष जिले में 11.88% बच्चों में कुपोषण पाया गया था। लेकिन इस साल 12.96% बच्चे कुपोषित पाए गए हैं। बीते साल जहां गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 1044 थी वहीं इस साल ये बढकर 1107 हो गई है। खास बात ये है कि जिले के ट्राइबल ब्लाकों में कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक पाई गई है।

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धरमजयगढ़ में कुपोषण की दर 1.73 फीसदी, कापू में 1.7 फीसदी और लैलूंगा में 1.9 फीसदी पाई गई है। केंद्र सरकार की ओर से कुपोषित बच्चों के लिए प्रति बच्चा 6600 रुपए का फंड मिलता है। जिले में दस दस बेड के 4 एनआरसी सेंटर भी कुपोषित बच्चों के लिए चलाए जा रहे हैं। इन सबके बावजूद कुपोषण के आंकड़े कम न होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ट्राइबल ब्लाकों में जानकारी के अभाव में बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा। शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन भी नहीं हो रहा है जिसकी वजह से आंकडे बढ़ रहे हैं।

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इधर मामले में अधिकारियों का कहना है कि पूर्व में पांच साल तक के बच्चों को ही वजन त्यौहार के क्राइटेरिया में रखा जाता था लेकिन शासन के निर्देश के बाद अब छह साल तक के बच्चो को भी शामिल किया जा रहा है। ऐसे में आंकड़े बढे हैं। फिर भी कुपोषण दुर करने के लिए विभागीय स्तर पर पोषण आहार का वितरण करने के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में विभिन्न शासकीय कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इससे लोगों में जागरुकता आ रही है। आने वाले समय में आंकडे कम होंगे।  IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट

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