रायपुरः छतीसगढ़ की सबसे बड़ी गांजा तस्करी के मामले में रायपुर कोर्ट ने चार अंतर्राज्यीय तस्करों को 20-20 साल की कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायलय ने सभी पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले की सुनवाई मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस अतुल कुमर श्रीवास्तव की कोर्ट में हुई।
दरअसल, पांच वर्ष पूर्व नागपुर से आए डायरेक्टोरेट ऑफ रेवन्यू इंटिलिजेंस (डीआरआई) के अधिकारियों ने केशकाल के पास एक ढाबा में खड़ी ट्रक से 35 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की 18 क्विंटल 80 किलो गांजा जब्त किया था। तस्कर गांजा को नमक बोरी की आड़ में छिपाकर आंध्रप्रदेश से उत्तरप्रदेश तस्करी कर ले जा रहे थे। सूचना मिलने पर डीआरआई तथा सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों ने केशकाल पहुंचकर ट्रक की पड़ताल करने के बाद गांजा जब्त किया था।
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डीआरआई के अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि 13 सितंबर 2018 को रायपुर स्थित कार्यालय में डीआरआई के इंटिलिजेंस अधिकारी चंद्रप्रकाश के पास दोपहर में एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने ट्रक नंबर बताते हुए गांजे की एक बडी खेप आने की जानकारी दी। इसके बाद उस अधिकारी ने नागपुर के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी अफसरों ने बगैर देर किए सेंट्रल जीएसटी के अफसरों की टीम गठित कर छापे की कार्रवाई करने पहुंच गए। केशकाल में एक ढाबे के पास गांजा तस्करी करने वाला ट्रक खड़ा मिल गया, जिसके बाद अफसरों ने ट्रक में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से ट्रक के अंदर देखा तब नमक बोरियों के पीछे अलग से भूरे रंग के पैकेट दिखे इसके बाद ट्रक जब्ती कर रायपुर लाकर जांच की गई। तीन तस्कर ट्रक की मॉनिटरिंग करते अलग कार से चल रहे थे पकड़े जाने के बाद ट्रक के ड्राइवर ने डीआरआई के अधिकरियों को बताया कि तीन अन्य तस्कर बलदेव तथा उसके साथी एस्कार्ट के रूप में ट्रक की मॉनिटरिंग करते कार से चल रहे थे। बलदेव और उसके साथी हर 50 किलोमीटर में ड्राइव्हर को मार्ग क्लीयर होने के मैसेज देते थे उसके बाद ट्रक आगे बढ़ती थी। फिलहाल इस मामले में 14 गवाहो की गवाही के बाद कोर्ट ने सभी तस्करो को 20-20 साल की कैद और 2-2 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है साथ ही जुर्माना नही भर पाने की स्थिति में 1 साल की अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई है।
सरकारी वकील वीपी हनुमंता के मुताबिक गांजा तस्करी करने के आरोप में कोर्ट ने ट्रक ड्राइवर ओडिशा मलकानगिरी निवासी बुद्धु कृषानी के अलावा उत्तरप्रदेश, बांदा निवासी बलदेव प्रसाद गुप्ता, चंद्रशेखर शिवहरे, शिव शंकर गुप्ता को कैद तथा जुर्माने की सजा सुनाई है।