बिलासपुर: major action against these teachers of Chhattisgarh, प्रदेश में शासकीय शिक्षकों की हाईटेक लाइफ और शिक्षकों के रिजाइन व लिखे गए पत्र को लेकर अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है। बिलासपुर के संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए नेटवर्किंग मार्केटिंग व निजी कंपनी के प्रचार में लगे शिक्षकों की कुंडली तलब की है। इसके लिए संभागभर के सभी डीईओ को पत्र जारी करते हुए जांच कर प्रारूप के साथ जानकारी उपलब्ध कराने कहा गया है।
दरअसल, शिक्षा विभाग को ड्यूटी छोड़कर शिक्षकों के नेटवर्क मार्केटिंग व निजी कंपनियों से जुड़ने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। इनमें कुछ शिक्षकों ने रिजाइन भी दे दिया है। रिजाइन देते हुए ऐसे शिक्षकों ने नौकर माइंड सेट के साथ काम न करने व आगे मालिक माइंडसेट के साथ काम करने का पत्र में जिक्र किया है। इस पत्र के बाद बताया जा रहा है, संभागभर के कई शिक्षकों ने रिजाइन की पेशकश की है। इसमें लोरमी, मरवाही, सारंगढ़, बरमकेला के शिक्षकों का त्यागपत्र शामिल है, जो शिक्षकों और विभाग के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
शिक्षकों का एक वर्ग इससे खासा नाराज भी बताया जा रहा है। हालांकि, इन सबके बीच सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा विभाग के सामने खड़े हो गई है। ऐसे शिक्षकों के रवैए से शिक्षा व्यवस्था कटघरे में आ गई है। लिहाजा शिक्षा विभाग अब इन मामलों को लेकर हरकत में आया है। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग ने संभागभर के डीईओ को पत्र जारी कर ऐसे शिक्षकों का कुंडली मांगा है।
जेडी ने पत्र में कहा है कि, ऐसे शिक्षक जो अध्ययन अध्यापन छोड़कर नेटवर्क मार्केटिंग और हर्बल लाइफ से जुड़कर प्रचार प्रसार में जुटे हैं। शाला अवधि में नेटवर्क मार्केटिंग के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग व छात्रों से मदद ले रहे हैं। बिना अनुमति व सूचना के सेमिनार में भाग ले रहे हैं। देश व विदेश यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जिले के अंतर्गत कार्यरत तमाम ऐसे शिक्षकों की जांच की जाए और प्रमाण सहित प्रारूप में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। संयुक्त संचालक ने बताया कि, जानकारी प्राप्त होने के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
गौरतलब है कि, शिक्षक ज्ञान सिंह, शशि बैरागी, रघुराम पैंकरा सहित अन्य शिक्षकों के हाईटेक लाइफ, महंगी गाड़ियां व विदेश भ्रमण की चर्चा जोरों पर हैं। सोशल मीडिया पर इनके हाईटेक लाइफ की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। इतना ही नहीं इनके त्यागपत्र में जिस तरह आपत्तिजक बातों का उल्लेख किया गया है, उसके बाद से इन शिक्षकों की कार्यप्रणाली कटघरे में है।