रायपुर: Politics on Unemployment छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर के आंकड़े और इसे लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह के ट्वीट करने और फिर डिलीट के मुद्दे को लेकर सियासी बयानबाजी तेज है। भूपेश सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे और शिव डहरिया ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता कर केन्द्र सरकार और रमन सिंह पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस ने कोरोना काल की नाकामियां गिनाते हुए पीएम मोदी पर कई आरोप लगाए, तो तत्कालीन रमन सरकार को भी आउटसोर्सिंग भर्तियों के लिए घेरा। इस पर बीजेपी नेताओँ पलटवार करते हुए कहा कि राज्य सरकार आंकड़ों की बाजीगरी कर लोगों से झूठ बोल रही है। अब सवाल ये है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों बेरोजगारी दर के मुद्दे पर इतनी आक्रामक क्यों है? क्या है कि इसके पीछे के सियासी मायने?
Politics on Unemployment पिछले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ की सियासी गलियारों में बेरोजगारी दर सबसे हॉट मुद्दा बना हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप की लड़ाई अब वादाखिलाफी तक पहुंच गई है। बेरोजगारी दर के आंकड़ों पर जारी जुबानी जंग में बढ़त लेने भूपेश सरकार के दो मंत्री रविंद्र चौबे और शिव डहरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर कई हमले किये। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं को दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया, लेकिन सच ये है कि केंद्र की नाकामी की वजह से युवाओं से रोजगार छिन गया। वो पलायन करने को मजबूर हो गए। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना काल में भी लोगों को नौकरी दी।
रविंद्र चौबे यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में केवल आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती हुई। तत्कालीन रमन सरकार ने करोड़ों का इन्वेस्टर मीट आयोजित किया। पांच लोगों को लेकर खुद टेक्सास गए, लेकिन किसी को रोजगार नहीं मिला। मंत्री चौबे ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 3 साल के कामकाज और बेरोजगारी दर के आंकड़े को ट्वीट कर डिलीट करने पर रमन सिंह को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
एक ओर कांग्रेस केंद्र सरकार और रमन सिंह पर हमले कर रही है, तो दूसरी ओर बीजेपी नेता भी पलटवार करने में पीछे नहीं है। पूर्व सीएम रमन सिंह समेत अन्य बीजेपी नेता सोशल मीडिया में राज्य सरकार के आंकड़ों को गलत बताने संबंधी पोस्ट कर रहे है। बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार ये क्यों नहीं बता रही कि 5 लाख में से कितनों को कौन से विभाग में नौकरी दी गई है।
कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर घटने से भूपेश सरकार जहां अपनी पीठ थपथपा रही है तो विपक्ष सरकार के दावों को खोखला बताने का भरसक प्रयास कर रहा है। लेकिन अहम सवाल ये है कि कांग्रेस इस मुद्दे पर अब केंद्र सरकार पर क्यों अटैक कर रही है? क्या इसकी वजह यूपी समेत अन्य राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव है? सवाल ये भी कि कांग्रेस की इस कोशिश का कितना फायदा उसे मिलेगा?
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