रायपुरः आबकारी मंत्री कवासी लखमा के जीएसटी के संबंध में दिए गए बयान पर सियासत गरमा रही है। लखमा ने कहा था कि, केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा ना देकर उन्हें कर्ज लेने के लिए मजबूर कर रही है। इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि सरकार ने अब तक 82 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज ले लिया है। जबकि GST का करीब 1150 करोड़ ही बकाया है। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से न्याय योजना की आखिरी किस्त का भुगतान करने के लिए एक बार फिर से 1 हजार करोड़ का कर्ज लिए जाने की चर्चा है।
इसपर विपक्ष फिर से हमलावर हो गया है। लखमा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ को 1 रुपए भी नहीं दे रही है। हम अपने हक का जीएसटी का पैसा मांगते हैं तो वित्त मंत्री कहती हैं कि हम पैसा नहीं दे सकते आप कर्ज लीजिए। उन्होंने भाजपा को इस संबंध में वित्त मंत्री और पीएम मोदी से बात करने की सलाह दी है। भाजपा का कहना है प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सरकार ने कई किस्तों में अब तक 82 हजार करोड़ों कर्ज ले चुकी है। अपनी इस कमी को छुपाने के लिए कांग्रेस के मंत्री और नेता जीएसटी का रोना रोते हैं।