बेरोजगारों को ठगने वाले 4 लोग पहुंच चुके हैं सलाखों के पीछे, अब वेबसाइट से खुलेगा कई राज
बेरोजगारों को ठगने वाले 4 लोग पहुंच चुके हैं सलाखों के पीछे! Police Exposed RCDSP Website who Cheat Unemployed Youth
रायपुर: Police Exposed RCDSP Website राजधानी रायपुर में बैठकर प्रशासन की नाक के नीचे प्रदेश भर के सैकडों बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपए ठगने वाली कंपनी RCDSP के मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। IBC24 के खुलासे के बाद अलग-अलग जिलों से पीड़ित डीडी नगर थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज करा रह हैं। इस मामले में संचालकों समेत 4 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अब पुलिस ने कंपनी की वेबसाइट जांच कर खुलासा किया है की ठग कंपनी में और भी लोग शामिल हैं, जो बेरोजगारों को कभी मंत्री तो कभी अधिकारियों के नाम पर ठग रहे थे।
Police Exposed RCDSP Website सरकारी विभाग की वेबसाइट की तरह दिखने वाली ठग कंपनी RCDSP का वेब पेज देखकर कोई भी झांसे में आ जाए। जांच में खुलासा हुआ है कि बेरोजगारों को झांसा देने के लिए ठगों ने वेबसाइट में सरकारी योजनाओं, विभाग और पद से मिलती-जुलती जानकारी डाली थी। ये भी खुलासा हुआ है कि RCDSP के संचालक युवाओं को सिर्फ सरकारी विभाग में नौकरी देने के नाम पर ही नहीं बल्कि मंत्रियों के यहां नौकरी दिलाने और दंतेवाड़ा, कांकेर, कोरबा समेत अन्य खदानों में नौकरी देने का भी झांसा देते थे। इसके लिए वो युवाओं को बकायदा मंत्रियों के बंगले और सरकारी ऑफिस भी घुमाने ले जाते थे।
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पीड़ितों ने बताया की संचालकों ने नौकरी के लिए 5 लाख रुपए रेट रखा था, जिसके लिए उन्होंने डेढ़-डेढ़ लाख रुपए एडवांस दिया. संचालक लगातार पैसा मांग रहे थे लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने पर मामला कुछ दिनों के लिए टल गया। इस बीच आईबीसी24 के खुलासे ने उन्हें बचा लिया। कई ऐसे परिवार हैं जो झांसे में पड़कर अपने तीन-तीन, चार-चार लड़कों की नौकरी के लिए साढ़े तीन लाख रुपए से ज्यादा रकम दे चुके हैं। कई लोगों ने तो खेत गिरवी रखकर पैसे दिए हैं।
IBC24 के खुलासे के बाद RCDSP के चेयरमैन चंद्रप्रताप जोशी, डायरेक्टर जितेंद्र देवांगन, दीपचंद वर्मा, चीफ एक्जीक्यूटीव आफिसर संजय वर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन इसमें कई और लोग शामिल हैं। कंपनी की वेबसाइट से खुलासा हुआ कि डायरेक्टर मनीष देवांगन, संचालक एमके साहू, शिक्षा संचालक रीता सोनकर, स्टेट फील्ड इंचार्ज योगानंद नेताम, सीईओ बी पद्मनाभन और कार्यालय अधीक्षक पद पर सजल श्रीवास्तव काम संभाल रहे थे, जो आफिस आने वालों को झांसा देते थे। खुद कंपनी का जोनल अधिकारी रहा शख्स बताता है कि लगभग 4 सौ लोगों से 35 हजार रुपए की डीडी नौकरी देने के नाम पर जमा करवाई है।

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