भिलाई/अंबिकापुर: person committed suicide due to DJ sound, एक तरफ कोर्ट ने डीजे साउंड के तेज आवाज में बजाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, वहीं तेज आवाज से प्रदेश में लगातार हुई दो घटनाओं ने सभी को हैरत में डाल दिया है। भिलाई में गणेश पंडाल में तेज आवाज में बज रहे साउंड सिस्टम को लेकर आज एक अधेड़ व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया। इससे पहले अंबिकापुर में डीजे के साउंड से एक व्यक्ति की नस फट गई और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया।
पहली घटना भिलाई की है। जहां देर रात मृतक धन्नू गणेश पंडाल में साउंड सिस्टम बंद कराने गया था, लेकिन पंडाल वाले युवकों ने उसके साथ गालीगलौज और मारपीट की थी। जिसके बाद वह दोनों पक्ष थाने पहुंचे थे। आपसी समझौता होने के बाद मृतक बिना किसी शिकायत किए घर लौट गया। पर वहां दोबारा युवाओं ने साउंट सिस्टम बजाना शुरू किया। और फिर गालीगलौज शुरू कर दी।
person committed suicide due to DJ sound इसी बीच एक आरोपी गोल्डी वर्मा ने एक डीजे बजाने का एक परमिशन लेटर भी मृतक के चेहरे पर फेंक दिया। जिसके बाद मृतक धन्नु साहू ने सुसाइड नोट लिखकर मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। इधर धन्नु के आत्महत्या की खबर लगते ही आरोपी युवक फरार हो गया।
मृतक धन्नु साहू के बेटे ने बताया कि उनके पिता हार्ट के मरीज थे और लगातार देर रात तक तेज आवाज में साउंड सिस्टम बजाए जाने से परेशान थे। उन्होंने समिति वालों से आवाज कम करने और रात 12 बजे साउंड को बंद करने कहा था,लेकिन वे गालीगलौज और मारपीट पर उतर आए। कल रात थाने में समझौता होने के बाद वे दोबारा घर के सामने आकर गालीगलौज करने लगे। जिससे व्यथित होकर पिता जी ने सुसाइड कर लिया।
इधर इस पूरे मामले में एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि मृतक के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस जांच में जुटी है। जल्द ही आरोपी को पकड़ा जाएगा।
वहीं दूसरी घटना की बात करें तो बलरामपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां डीजे के साउंड से एक व्यक्ति की नस फट गई और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया। जिसके बाद उसे अंबिकापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे रायपुर हॉस्पिटल रेफर कर दिया। इलाज कर रहे डॉक्टरों ने संभावनाएं जताई है कि डीजे के साउंड से उसके सिर के पिछले हिस्से की नस फट गई और खून का थक्का जम गया।
जानकारी अनुसार बलरामपुर जिले के 40 वर्षीय सनावल निवासी संजय जायसवाल को 9 सितंबर को अचानक चक्कर आने लगा और उल्टी होने लगी। जिसके बाद परिजनों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इयर नोज थ्रोट (ENT) विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने जब उसका सीटी स्कैन कराया और रिपोर्ट देखी तो युवक के सिर के पिछले हिस्से की नस फटने से ब्लड क्लॉटिंग होना पाया गया। जिससे उन्होंने ने इसकी जानकारी मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सकों व मेडिकल प्रोफेसरों को दी।
डॉक्टरों ने बताया कि यह अब तक का यह पहला मामला है जो कहीं ना कहीं चिंता का विषय है, क्योंकि वर्तमान में जिस प्रकार से धार्मिक व शादी विवाह सहित अन्य अवसरों में तीव्र ध्वनि यंत्रों जैसे डीजे आदि का प्रचलन बढ़ा है ये कहीं ना कहीं मानव के लिए अत्यंत हानिकारक है।
चिकित्सकों के अनुसार एक स्वस्थ मनुष्य 70 डेसीबल ध्वनि की तीव्रता झेल सकता है। लेकिन इससे ज्यादा उसके लिए न सिर्फ हानिकारक बल्कि उसके कान व मस्तिष्क के लिए अत्यंत खतरनाक होता है। डीजे की बात करें तो उसमें से निकलने वाली ध्वनि की तीव्रता 150 डेसीबल से ज्यादा होती है।
मरीज के परिजनों ने बताया कि पीड़ित डीजे किराए पर देने का व्यवसाय करता है। जिस दिन उसकी तबीयत बिगड़ी उस दिन उसने एक डीजे बजाया था। उसी समय उसे उल्टी व चक्कर आने की शिकायत हुई थी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि व्यक्ति को ऐसा डीजे की आवाज के चलते हुआ है।
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