Old debt, new government...direct attack on Congress!

CG Ki Baat : पुराना कर्ज, नई सरकार..कांग्रेस पर सीधा वार!… नए वित्त मंत्री ने विपक्ष लगाए गंभीर आरोप

CG Ki Baat : नवनियुक्त वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर प्रदेश को कर्ज में डुबाने का गंभीर आरोप लगा दिया।

Edited By :   Modified Date:  January 2, 2024 / 10:52 PM IST, Published Date : January 2, 2024/10:51 pm IST

रायपुर : CG Ki Baat : ‘यावज्जीवेत सुखं जीवेत, ऋण कृत्वा घृतं पीवेत’- अर्थात जब तक जियो सुख से जियो और सुख के लिए कर्ज भी लेना पड़े तो लो चार्वाक के इस दर्शन को वर्तमान सियासतदानों ने यथार्थ के धरातल पर उतार दिया है। बस मकसद थोड़ा बदल गया है। सत्ता पर काबिज होने और जनता का वोट पाने की खातिर राजनीतिक दल बड़े-बड़े लोकलुभावन वादे कर देते हैं और सत्ता में आने के बाद उन योजनाओं को पूरा करने के लिए जमकर कर्ज लेते हैं। यानि पब्लिक की भलाई के लिए पब्लिक की जेब से पैसा निकालने का नायाब फॉर्मुला। कोई भी दल इससे बचा नहीं है। आज छत्तीसगढ़ में वित्तीय प्रबंधन को लेकर सियासत गरमा गई। क्योंकि प्रदेश के नवनियुक्त वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर प्रदेश को कर्ज में डुबाने का गंभीर आरोप लगा दिया। क्या वाकई प्रदेश वित्तीय संकट की स्थिति में खड़ा है। क्या आरोप लगाने वाली भाजपा सरकार के पास इससे निपटने का कोई प्लान है।

यह भी पढ़ें : Hit and run law update: अभी नहीं लागू होगा हिट एंड रन कानून, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लिया बड़ा फैसला! 

CG Ki Baat : ये सवाल इसलिए क्योंकि, छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि, कांग्रेस ने प्रदेश में चारों तरफ माफिया राज फैलाया है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से कर्ज में डुबा दिया और प्रदेश की आमदनी को निजी कमाई का जरिया बनाया।

मंत्री ओपी चौधरी के आरोप पर कांग्रेस ने पलटवार कर केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस ने कहा कि, भूपेश कार्यकाल में वित्तीय स्थिति को लेकर बेहतर कार्य किए गए, जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया।

यह भी पढ़ें : 22 जनवरी को बंद रहेगी प्रदेश की सभी शराब दुकानें, छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा उत्सव, सीएम साय ने की घोषणा 

CG Ki Baat : राजनीति से इतर, अगर प्रदेश की आर्थिक स्थिति की बात की जाए तो जब बीजेपी सत्ता पर काबिज हुई तो उसे 82 हजार करोड़ का कर्ज मिला और बीजेपी ने जो चुनावी वादे किए हैं उसे पूरा करने के लिए करीब 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा चाहिए होंगे। जाहिर है इसका भार प्रदेश के हर आम आदमी पर पड़ेगा। मगर अब सवाल ये है कि क्या वाकई भूपेश कार्यकाल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है ? क्या भूपेश सरकार कर्ज पर नियंत्रण नहीं रख पाई? दूसरी तरफ सवाल ये भी है कि वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए बीजेपी सरकार के पास क्या प्लान है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp