NMDC becomes first company cross 40 million tonnes iron ore production

NMDC ने रचा इतिहास, 40 मिलियन टन लौह अयस्क उत्पादन को पार करने वाली बनी देश की पहली कंपनी

NMDC ने रचा इतिहास! NMDC Makes History becomes first company to cross 40 million tonnes of iron ore production

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:36 PM IST
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Published Date: March 22, 2022 10:19 am IST

रायपुर: NMDC Makes History बस्तर की लाइफलाइन कही जाने वाली NMDC ने देश में नया इतिहास रच दिया है। एनएमडीसी एक वर्ष में 40 मिलियन टन लौह अयस्क उत्पादन को पार करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। 1960 के दशक के अंत में 4 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता से लेकर अब 40 मिलियन टन की उत्पादन क्षमता प्राप्त करने वाले देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक की विकास यात्रा असाधारण रही है। वर्ष 1969-70 में 4 मिलियन टन से प्रारम्भ करते हुए एनएमडीसी ने,1977-78 में 10 मिलियन टन को पार कर लिया। 2004-05 तक दस मिलियन टन उत्पादन और बढाया, एक दशक के भीतर 30 मिलियन टन को पार कर लिया और अब 40 मिलियन की उपलब्धि को पार कर लिया है।

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NMDC Makes History घरेलू लौह अयस्क की मांग में लगातार हो रही वृद्धि के साथ तालमेल रखते हुए, उत्पादन में वृद्धि के लिए कंपनी महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाएं प्रारम्भ की हैं और कैपेक्स परिव्यय कर रही है। हाल के दिनों में, एनएमडीसी ने कोविड के कारण उत्पन्न मंदी और बर-बार हो रही अस्थिरता को दूर करने के लिए एक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाया और परिवर्तनकारी डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया। मात्रा में वृद्धि से लेकर सशक्त बनने और 40 मिलियन टन लौह अयस्क उत्पादन का मील का पत्थर हासिल के पीछे कंपनी की सुस्थिर बुनियादी बातों और एक दूरदर्शी कार्यबल का हाथ रहा है।

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इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर टीम को बधाई देते हुए सुमित देब ,अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एनएमडीसी ने कहा, ” 40 मिलियन टन को पार करने वाली भारत की पहली लौह अयस्क खनन कंपनी बनने की एनएमडीसी की असाधारण उपलब्धि सभी बाधाओं के बावजूद चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता का एक शानदार प्रदर्शन है। यह कंपनी की दृढ़ता और निरंतरता का प्रतिफल है। मैं इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए टीम को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि राष्ट्र की # आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूर्ण करने की हमारी राह में हम भविष्य में कई और मील के पत्थरों को पार करना जारी रखेंगे। इस उपलब्धि से यह भी पता चलता है कि 2030 तक 100 एमटीपीए कंपनी बनने के लिए हम सही रास्ते पर चल रहे हैं।”

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उल्लेखनीय है कि कंपनी ने 2030 तक 100 एमटीपीए वाली कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। सीपीएसई अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर अपने पोर्टफोलियो में कोयला, हीरा, सोना और राष्ट्रीय हित के अन्य रणनीतिक खनिजों को शामिल करते हुए एक बहु-खनिज संगठन बनने की भी योजना बना रहा है।

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