रायपुरः Niyad Nellanar Scheme Update मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जब से प्रदेश की सत्ता की कमान संभाली है, तब से प्रदेश के विकास में गति दिख रही है। एक ओर बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। वहीं दूसरी ओर बस्तर के बीहड़ों में फैले नक्सलवाद को खत्म करने अब जड़ों पर प्रहार किया जा रहा है। साय सरकार रणनीति बनाकर माओवाद का अंत करने की कोशिश कर रही है। इसी तारतम्य में साय सरकार ने ‘नियद नेल्लानार योजना’ (आपका अच्छा गांव योजना) योजना शुरू की है। इस योजना का परिणाम भी अब बस्तर में दिखने लगा है। वहां के लोगों में खुशहाली का माहौल है।
Niyad Nellanar Scheme Update नियद नेल्लानार का मतलब है “आपका अच्छा गांव” या “योर गुड विलेज”। नियद नेल्लानार स्थानीय दंडामी बोली दक्षिण बस्तर में बोली जाने वाली है। इस योजना के तहत बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में सुविधाएँ और लाभ प्रदान किए जा रहे है। सरकार ने बस्तर के अंदरुनी नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 14 नए कैंप स्थापित किए हैं। हर कैंप के आस-पास के कुल 5 गांवों को चुना गया है और इन गांवों में सरकार की तरफ से लागू किए गए कल्याणकारी और विकास योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के पहले चरण के तहत बस्तर के 93 गांवों को शामिल किया गया है। यहां सरकार लोगों को मूलभूत संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करा रही है जैसे आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि ताकि इन नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र की जनता के जीवन स्तर में सुधार हो सके और शासन-प्रशासन के प्रति उनका विश्वास बढ़े। नियद नेल्लानार योजना’ की घोषणा के समय सीएम साय ने जानकारी दी थी कि इस योजना के तहत 20 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही कहा कि इस योजना के तहत केन्द्र एवं राज्य से और बजट की आवश्यकता होती है तो राज्य सरकार वह भी उपलब्ध कराएगी।
विकास के लिए जीरो टॉलरेंस के साथ काम करने वाले विष्णुदेव साय इस महत्वकांक्षी योजना के लिए कोई कोतही नहीं चाहते हैं। यही वजह है कि इस योजना के सफल क्रियान्वनयन को लेकर एक कमेटी बनाई है। इसके जरिए प्रदेश स्तरीय अधिकारी इस योजना की लगातार निगरानी कर रहे हैं। मूल्यांकन और मानिटरिंग के बाद रिपोर्ट सीधे सीएम साय और मंत्रियों को दे रहे हैं। कमेटी के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी परिवार इस योजना का लाभ उठाने से वंचित न रहे।
हमने ही बनाया है.. हम ही संवारेंगे के ध्येय वाक्य के साथ छत्तीसगढ़ के संवारने में लगी साय सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि अब बस्तर में विकास की बयार बह रही है। अंदरूनी गांव में जहां पहले लोग जाने से कतराते थे, वहीं लोग आज अंदरूनी इलाकों तक पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं बस्तर के सक्रिय नक्सली भी अंदरुनी इलाकों तक सरकार की पहुंच को देख अब लाल आतंक को छोड़ मुख्यधारा में लौट रहे हैं। साय सरकार के नियद नेल्लानार योजना का ही प्रभाव है कि अब तक सैकड़ों नक्सली हथियार छोड़ चुकें हैं। कहा जाता था कि नक्सली बड़ी संख्या में बच्चों को अपने संगठन में शामिल कर रहे हैं, लेकिन अब अंदरूनी इलाकों तक शिक्षा सहित अन्य सुविधा बढ़ने से इनके आंकड़ों में कमी आई है। अब तो वहां के बच्चे राजधानी रायपुर के बच्चों के साथ कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं।
नक्सलवाद खत्म करने के लिए विकास को सबसे महत्वपूर्ण घटक मानने वाली साय सरकार की यह योजना बस्तर के लिए बेहद किफायती साबित हो रही है। जिन इलाकों को नक्सली कमांडरों को ठिकाना माना जाता था, वहां तक सड़क पहुंच गई है। हिड़मा का गांव पूर्वती और लोहंडीगुड़ा विकासखण्ड अंतर्गत अतिसंवेदनशील बोदली में अब सड़क पहुंच गई है। इससे प्रशासनिक पहुंच भी अब वहां मजबूत हो गई है। स्वास्थ्य अमले के साथ-साथ प्रशासनिक अफसर भी सीधे मौके पर पहुंचकर मुआयना कर रहे हैं। साथ ही गांव में नवीन ग्राम पंचायत भवन, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक शाला भवन तथा सडक़-पुलिया निर्माण कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है। इन सभी सुविधाओं को गांव में ही पाकर यहां के ग्रामीणों ने राहत की सांस तो ली है साथ ही इसे विकास की मुख्यधारा से जुडऩे के लिए खासे उत्साहित हैं।
नियद नेल्लानार योजना के तहत् नारायणपुर जिले के माओवादी प्रभावित क्षेत्र मसपुर, कस्तुरमेटा, ईरकभट्टी और मोहंदी में 04 नवीन पुलिस कैम्प खोले गए हैं। कैम्प के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों में मूलभूत आवश्यकताओं व सुविधाओं को शत-प्रतिशत ग्रामीणों तक पहुंचाने राज्य सरकार के मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। ग्राम गुडरापारा, तुमेरादी, ताड़ोबेड़ा, मेटानार, तोयामेटा, हिकपाड़, ओकपाड़, कटुलनार, कानागांव, ताडोकुर, जड्डा, कुतुल, कोडलियर, मिचींगपारा और बीचपारा के लोगों को अब हर सुविधा मिल रही है। ग्रामीणों को शासन की योजनाओं से जोड़ने शिविरों में आधार पंजीयन, बैंक खाते, आयुष्मान कार्ड, स्वास्थ्य जांच कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, वन अधिकार मान्यता पत्र, सामाजिक पेंशन योजना, सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, शौचालय निर्माण, नोनी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व वंदना योजना, ड्रायविंग लायसेंस, जन्म प्रमाणपत्र सहित राजस्व विभाग के तहत् नक्शा, खसरा, जाति, निवास, आय प्रमाण-पत्र, भूमि सीमांकन, नामांतरण बंटवारा, ऋण पुस्तिका, आरबीसी 6-4 के तहत् आर्थिक सहायता आदि के लिए कैम्प लगाकर योजनाओ से लाभांवित किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि साय सरकार के आने से उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है। गांव में ही हर सुविधा का लाभ मिल रहा है।