औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों के बारे में आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को बचाने की जरूरत : मुर्मू |

औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों के बारे में आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को बचाने की जरूरत : मुर्मू

औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों के बारे में आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को बचाने की जरूरत : मुर्मू

:   Modified Date:  October 26, 2024 / 07:42 PM IST, Published Date : October 26, 2024/7:42 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

रायपुर, 26 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों के बारे में ग्रामीणों और आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण पर जोर दिया है, जिससे ऐसे ज्ञान को विलुप्त होने से बचाया जा सके।

नवा रायपुर में पंडित दीनदयाल स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का खजाना है, जिसके बारे में ग्रामीणों और आदिवासियों के पास अपार ज्ञान है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस राज्य में जड़ी-बूटियों का अकूत भंडार है। बीजा और धावड़ा जैसे पेड़ों के औषधीय महत्व के बारे में ग्रामीण तथा जनजातीय भाई-बहन जानते हैं। इस ज्ञान भंडार का दस्तावेजीकरण और मानकीकरण करके इन्हें विलुप्त होने से बचाया जा सकता है। यहां के वनवासियों के ज्ञान भंडार पर शोध को बढ़ावा देने से, ऐसी जानकारी का विज्ञान-सम्मत उपयोग व्यापक स्तर पर हो सकेगा। इस क्षेत्र में उद्यम और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेगी।’’

राष्ट्रपति ने कहा कि अब भी मलेरिया, फाइलेरिया और तपेदिक जैसी संक्रामक बीमारियों का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो पाया है तथा भारत सरकार इन रोगों के उन्मूलन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘जनजातीय समाज में सिकल सेल एनीमिया एक बड़ी समस्या है। भारत सरकार राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयासरत है। मैं सरकार के इन सभी प्रयासों को आप लोगों के समक्ष इसलिए रख रही हूं, क्योंकि स्वास्थ्यकर्मी ही अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं। आप, सामान्य लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक बना सकते हैं। आप उन्हें सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत करा सकते हैं। आप नीति-निर्माताओं और सामान्य जनता के बीच सेतु का कार्य कर सकते हैं।’’

जलवायु परिवर्तन और धरती के बढ़ते तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) को लेकर राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इन समस्याओं से हम सभी अवगत हैं। विश्व स्तर पर लोगों के खानपान का तरीका इन समस्याओं को और जटिल बना रहा है। अभी हाल ही में प्रकाशित डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की ‘लिविंग प्लैनेट’ रिपोर्ट 2024 में भारत के खानपान की आदत को बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक टिकाउ माना गया है। यह हमारे पारंपरिक जीवन-शैली की महत्ता को रेखांकित करता है, जिसकी शिक्षा हमें आयुर्वेद से मिलती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निष्क्रिय जीवन-शैली भी कई बीमारियों को बढ़ावा दे रही है। ये बीमारियां हमारी चिकित्सा प्रणाली और अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक दबाव डालती हैं। जागरूकता के द्वारा इनकी रोकथाम संभव है। इसके लिए योग और आयुर्वेद जैसी परंपरागत प्रणालियां कारगर हैं।’’

मुर्मू ने चिकित्सको से अपने पेशे का कुछ समय ग्रामीण क्षेत्रों में समर्पित करने पर विचार करने का आग्रह किया और कहा, ‘‘मैं समझती हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से आप देश की बहुत बड़ी जनसंख्या की वास्तविक समस्याओं से अवगत हो पाएंगे। आपका चिकित्सकीय अनुभव समृद्ध होगा। समाज तथा देश के प्रति आपका कर्तव्य-बोध मजबूत होगा। इसलिए सभी चिकित्सकों को अपने पेशेवर जीवन के कुछ वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों को समर्पित करने पर विचार करना चाहिए। मैं चाहती हूं कि सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर गांवों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ले जाया जाए।’’

उन्होंने कहा,‘‘शिक्षकों एवं चिकित्सकों के प्रति सम्मान की भावना का उपयोग लोगों को सामाजिक मुद्दों पर जागरूक बनाने के लिए किया जा सकता है। जैसे शिक्षक लोगों को समझा सकते हैं कि नशीले पदार्थों के सेवन से उनका स्वास्थ्य तो खराब होता ही है, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी खराब होती है। इसी तरह चिकित्सक, लोगों को रक्तदान और अंगदान के लिए प्रेरित कर सकते हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में विकसित छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने समग्र विकास के लिए नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य जरूरी बताते हुए कहा कि अच्छा स्वास्थ्य, लोगों की उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ाता है, इसलिए छत्तीसगढ़ को विकसित बनाने में राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों की अहम भूमिका होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘दो दिनों के अपने इस छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान मुझे दो इंजीनियरिंग और दो मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इस दौरान उनके आत्मविश्वास तथा जीवन में आगे बढ़ने की उनकी ललक को मैंने महसूस किया है। मुझे ऐसे युवाओं में नए भारत की झलक दिखती है। वह नया भारत जो पूरी मजबूती के साथ विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।’’

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह भी मौजूद थे।

भाषा संजीव

राजकुमार

राजकुमार

 

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