Chhattiagarh Naxalite Surrender Today | 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली ने डाले हथियार

Chhattiagarh Naxalite Surrender: 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर.. हथियार बनाने में था माहिर, जुगाड़ से बना लेता था लॉन्चर और ग्रेनेड

गिंजरू राम को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। साथ ही, उसे अन्य पुनर्वास सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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Reported By: Anjay Yadav

Modified Date: January 17, 2025 / 12:03 AM IST
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Published Date: January 17, 2025 12:03 am IST

Chhattiagarh Naxalite Surrender Today : कोण्डागांव: जिले में सुरक्षा बलों और राज्य सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता सामने आई है। 16 जनवरी को पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली गिंजरू राम उसेण्डी, जिसे कमलदास उसेण्डी भी कहा जाता है, ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया। गिंजरू राम उत्तर बस्तर डिवीजन की टेक्निकल टीम एरिया कमेटी का कमांडर था और नक्सल संगठन में लंबे समय से सक्रिय था।

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नक्सल संगठन से मोहभंग

पुलिस के अनुसार, गिंजरू राम ने नक्सल संगठन की विचारधारा और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से परेशान होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। उसने बताया कि नक्सल संगठन में शोषण और गलत मानसिकता से कई लोग तंग आ चुके हैं। उसकी यह आत्ममुक्ति नक्सलियों के बीच सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

नक्सल गतिविधियों में भूमिका

Chhattiagarh Naxalite Surrender Today : गिंजरू राम नक्सल संगठन में हथियारों के निर्माण और मरम्मत में विशेष रूप से प्रशिक्षित था। वह भरमार बंदूक, हैंड ग्रेनेड और देशी लॉन्चर बनाने में माहिर था। उसकी तकनीकी विशेषज्ञता और नक्सल गतिविधियों में योगदान ने उसे संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई थी।

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सौंपी गई प्रोत्साहन राशि

गिंजरू राम को छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। साथ ही, उसे अन्य पुनर्वास सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस नीति का उद्देश्य नक्सलवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है, और गिंजरू राम का आत्मसमर्पण इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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गिंजरू राम ने क्यों आत्मसमर्पण किया?

गिंजरू राम ने नक्सल संगठन की विचारधारा और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से परेशान होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

गिंजरू राम किस नक्सल संगठन में सक्रिय था?

गिंजरू राम उत्तर बस्तर डिवीजन की टेक्निकल टीम एरिया कमेटी का कमांडर था और नक्सल संगठन में लंबे समय से सक्रिय था।

गिंजरू राम की तकनीकी विशेषज्ञता क्या थी?

वह हथियारों के निर्माण और मरम्मत में विशेष रूप से प्रशिक्षित था, जैसे भरमार बंदूक, हैंड ग्रेनेड और देशी लॉन्चर बनाना।

गिंजरू राम को क्या प्रोत्साहन राशि मिली?

उसे छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है।

नक्सल पुनर्वास नीति का उद्देश्य क्या है?

नक्सल पुनर्वास नीति का उद्देश्य नक्सलवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाना है।
 
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