रायपुरः Chhattisgarh Urban Body Election मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बस्तर के दौरे पर हैं। जगदलपुर रवाना होने से पहले रायपुर में उन्होंने कई मुद्दों पर मीडिया से बात की। नगरीय निकाय चुनाव और प्रशासक नियुक्त करने के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव टलेगा नहीं, थोड़ा डिले जरूर हो सकता है। इसलिए प्रशासक बैठाए गए हैं। इससे पहले प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव टलने की संभावना जताई जा रही है। अब सीएम साय ने खुद इसे खारिज कर दिया है।
Chhattisgarh Urban Body Election जगदलपुर दौरे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 3 सौ 50 करोड़ से ज्यादा कामों का लोकार्पण और भूमि पूजन का कार्यक्रम है।बस्तर के विकास के लिए हमारी सरकार वहां के मांझियों से सलाह लेगी। बस्तर के विकास के लिए सरकार वचनबद्ध है। एक साल के अंदर बस्तर में शांति स्थापित करने के लिए हमारी सरकार सफल साबित हुई है। उस क्षेत्र के विकास के लिए नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है।
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के 14 में से 10 नगर निगम के मेयर और सभापति का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसे लेकर 10 नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब अलग-अलग जिलों के कलेक्टर्स के हाथों में शहर सरकार रहेगी। यही काम-काज देखेंगे और फैसला लेंगे। इस दौरान नए टेंडर भी होंगे और सभी काम जारी रहेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया है कि नगरीय निकाय चुनाव टलेंगे नहीं, लेकिन यह थोड़ा डिले हो सकता है। इसके कारण प्रशासक नियुक्त किए गए हैं ताकि प्रशासनिक कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे।
छत्तीसगढ़ के 10 नगर निगमों के मेयर और सभापति के कार्यकाल समाप्त होने के कारण इन नगर निगमों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई है। यह प्रशासनिक कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया है।
बस्तर में विकास के लिए मुख्यमंत्री ने नियद नेल्लानार योजना की बात की है, और वहां के स्थानीय लोगों से सलाह लेकर बस्तर के समग्र विकास के लिए काम करने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, 350 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में शांति स्थापित करने के लिए एक साल के अंदर सरकार सफल रही है। शांति स्थापित करने के लिए विभिन्न योजनाएं और सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं।
चुनाव में देरी से प्रशासनिक कामकाज पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। प्रशासकों के माध्यम से सभी कार्य जारी रहेंगे, नए टेंडर होंगे और सभी निर्णय लिए जाएंगे।