mukhyamantri suposhan yojana 2023: रायपुर। बच्चों के सेहत के लिए वरदान बना भूपेश सरकार का मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान। शहर हो या गांव आज हर बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान छत्तीसगढ़ सरकार का एक महत्वपूर्ण अभियान है। सीएम बघेल का संकल्प है कि जब तक प्रदेश में कुपोषण से प्रभावित बच्चे सुपोषित नहीं हो जाते, तब तक यह अभियान जारी रहेगा। इस अभियान के तहत आज प्रदेश के हर बच्चों पर ध्यान दिया जा रहा है, जिससे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
प्रदेश में कुपोषण के कुचक्र को तोड़ने के लिए चलाये जा रहे प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषण के दायरे में आने वाले दो लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण के दायरे से बाहर लाने में भूपेश सरकार को सफलता मिली है। कुपोषण मुक्ति का संकल्प लेकर शुरू किये गए इस अभियान ने महज चार सालों में बड़ी सफलता अर्जित की है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है और बस्तर संभाग के दूरस्थ क्षेत्रों में बच्चों व महिलाओं को इस अभियान का लाभ मिल रहा है।
बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं व महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है। इस अभियान के बाद बच्चों के कुपोषण में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में लगातार ध्यान दिया जा रहा है। सरकार की नवाचारी योजनाओं मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक, दाई-दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है।
भूपेश सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में बीते चार साल के भीतर स्वास्थ्य और पोषण सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। हाल में ही राज्य सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में मिलेट्स के व्यंजन को शामिल करने को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है, जिससे बच्चों में कुपोषण दूर करने और किशोरी बालिकाओं व महिलाओं को एनिमिया से मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को अच्छी सफलता मिल रही है। वहीं इस योजना के तहत कुपोषित महिलाओं, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए विभिन्न विभागों के साथ योजनाओं को एकीकृत कर समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। इससे तेजी से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के साथ पोषण स्तर में सुधार देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में 5 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा दी जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना में 20 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा मिल रही है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना शुरू होने के समय वजन त्यौहार के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 4 लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित थे। राज्य में अब तक 2 लाख 65 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं। इस प्रकार कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है।
पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में कुपोषण की दर में 5.61 प्रतिशत की कमी आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है। अब तक डेढ़ लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। इस योजना के तहत एनीमिया प्रभावितों को आयरन, फोलिक एसिड, कृमि नाशक गोलियां दी जा रही हैं। इस योजना के तहत कुपोषित महिलाओं, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
राशन में आयरन और विटामिन युक्त फोर्टीफाइड चावल और गुड़ देकर लोगों के दैनिक आहार में विटामिंस और मिनरल्स की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक रेडी-टू-ईट और स्थानीय उपलब्धता के आधार पर पौष्टिक आहार देने की भी व्यवस्था की है। महिलाओं और बच्चों को फल, सब्जियों सहित सोया और मूंगफली की चिक्की, पौष्टिक लड्डू, अंडा सहित मिलेट्स के बिस्कुट और स्वादिष्ट पौष्टिक आहार के रूप में दिया जा जा रहा है।
प्रदेश में संचालित 453 बाल विकास परियोजनाओं के अंतर्गत कुल 84465 आंगनबाड़ी केन्द्र एवं 12670 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वीकृत हैं। उक्त स्वीकृत आंगनवाड़ियों में लगभग 80.00 लाख हितग्राहियों को पूरक पोषण आहार से लाभान्वित किया जा रहा हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार की व्यवस्था के लिए व्यय की जाने वाली राशि से 50 प्रतिशत की राशि भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।
वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को नियमित रूप से सप्ताह में 05 दिन उबला अण्डा और सोयाबीन बड़ी तथा पौष्टिक भोजन खिलाए जाने के फलस्वरूप कुपोषण मुक्ति अभियान में इसका शीघ्र परिणाम भी दिखने लगा है। इस अभियान की सफलता का परिणाम है कि वर्तमान में जिले के 6619 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। ज्ञातव्य हो कि कुपोषित बच्चों को पर्याप्त पोषण आहार के साथ-साथ अतिरिक्त प्रोटिन व कैलोरी की भी आवश्यकता होती है। जिससे उनका समुचित शारीरिक एवं मानसिक विकास हो सके।
mukhyamantri suposhan yojana 2023: कुपोषण को दूर करने के लिए भी आंगनबाड़ी केन्द्र के पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका द्वारा गृह भेंट करके पालको को जागरूक किया जा रहा है। सभी को अपने बच्चों को पौष्टिक भोजन आहार खिलाने की समझाईश दी जा रही है। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में भेजने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रो में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है और बच्चों के बौद्धिक क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। और उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की जा रही है। और इसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहा है।
नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिलों के रिपोर्ट में दिसम्बर 2022 के लिए जारी की गयी चैम्पियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का परफॉर्मेंस बेहतर रहा है। देश के 112 आकांक्षी जिलों में से ओवरऑल परफॉर्मेंस श्रेणी में शीर्ष पांच जिलों में छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में शामिल नारायणपुर जिला चौथे स्थान पर है। वहीं स्वास्थ्य और पोषण श्रेणी में अब नारायणपुर जिले का स्थान तीसरा है।
हाल ही में बिलासपुर के बेलतरा विधानसभा में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से बात करते हुए राधिका धनवार ने बताया कि मेरे बच्चे को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ मिला है, राधिका ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को जोड़कर एक सुंदर गीत बनाया है, जिसे गाकर उसने योजना की तारीफ़ और मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।