भोपालः स्कूली बच्चों की ट्यूशन फीस को लेकर अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की खबरें लगातार आती रहती है। कई बार पालक इससे परेशान हो जाते हैं, लेकिन अब निजी स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब स्कूलों की ओर से 15% से अधिक फीस वृद्धि के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई राज्य सरकार की कमेटी करेगी। सरकार ने इससे संबंधित एक विधेयक विधानसभा में पेश किया है।
विधेयक के प्रावधानों को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक स्कूलों की ओर से 15% से अधिक फीस वृद्धि के आदेशों के खिलाफ अपील की सुनवाई राज्य समिति करेगी। यह समिति राज्य सरकार गठिक करेगी, जिसमें 5 सदस्य होंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। विभागीय समिति की तय फीस को राज्य समिति घटा या बढ़ा सकती है। नए प्रावधान में कहा गया है कि अब स्कूल बस या अन्य साधन का शुल्क भी फीस में शामिल किया जाएगा। फीस में ट्यूशन फीस, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स फीस, लैब, कंप्यूटर, काशन मनी, एग्जाम फीस, प्रवेश, रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा विभिन्न अवसरों पर होने वाले कार्यक्रमों का शुल्क शामिल होगा।फीस निर्धारण करते समय भूमि,भवन, छात्रों की संख्या, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, निशुल्क शिक्षा पर खर्च, छात्र-शिक्षक अनुपात जैसे बिंदुओं को ध्यान में रखा जाएगा।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि पर नियंत्रण लगाने का फैसला लिया है। अब प्राइवेट स्कूलों में 15% से अधिक फीस वृद्धि पर सरकार के द्वारा गठित एक राज्य समिति के सामने अपील की जाएगी। यह निर्णय स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए लिया गया ह
नए विधेयक के अनुसार, स्कूलों द्वारा 15% से अधिक फीस वृद्धि करने के मामले में सुनवाई राज्य सरकार द्वारा गठित एक समिति करेगी। इस समिति में 5 सदस्य होंगे, जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री समिति के अध्यक्ष होंगे
राज्य समिति स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तय की गई फीस को बढ़ा या घटा सकती है। यह निर्णय भूमि, भवन, छात्रों की संख्या, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, निशुल्क शिक्षा पर खर्च, छात्र-शिक्षक अनुपात जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।