रायपुर। Monsoon session of Chhattisgarh Assembly छत्तीसगढ़ विधानसभा के मॉनसून सत्र का आगाज 22 जुलाई से होने जा रहा है। इस बार सत्र कई मायनों में बेहद खास होने जा रहा है। एक तरफ सत्तापक्ष जहां कई अहम विधेयक और अनुपूरक बजट लाने जा रही है। वहीं विपक्ष हर दिन एक मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश करती नजर आएगी। वहीं सत्र से पहले CM विष्णु देव साय ने आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से उनके निवास में मुलाकात की है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से प्रारंभ होगा। यह सत्र कई मायनों में बेहद खास होगा। राज्य बनने के बाद से पहली बार वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल सदन में नहीं होंगे। उनके स्थान पर मंत्री केदार कश्यप संसदीय कार्य मंत्री की भूमिका में नजर आएंगे। पांच दिनों के सत्र में सरकार कई अहम विधेयक भी लाने जा रही है। लेकिन सत्तापक्ष के लिए सदन का संचालन इस बार आसान नहीं होगा। विपक्ष ने बलौदाबाजार हिंसा, बैगा आदिवासियों की मौत, प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, तक कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है। हर दिन विपक्ष एक मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है।
माना जा रहा है कि बलौदाबाजार हिंसा, कानून व्यवस्था, खाद बीज की कमी और लचर स्वास्थ्य सुविधाओं और अघोषित बिजली कटौती के मुद्दे पर कांग्रेस स्थगन लाएगी। इस दौरान अलग अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने की जिम्मेदारी विधायकों को सौंपी गई है। सवालों के लिहाज से भी सदन की कार्रवाई बेहद खास होगी। इस बार सदन में 966 सवाल लगाए गए हैं। दो दर्जन से अधिक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी सदन में पेश किए जाएंगे।
सत्तापक्ष जहां सभी सवालों का जवाब देने के लिए खुद को तैयार बता रहा है। वहीं विपक्ष का दावा है कि हर मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है कि हमारे पास कई मुद्दे हैं कांग्रेस के विधायक राज्य सरकार को कई मुद्दों पर घेरेगें। प्रदेश में मुद्दों की कमी नहीं है, हर मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा और अरुण साव कहते हैं कि सरकार सभी मुद्दों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने तैयार है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र कई मायनों में खास होगा। विपक्ष इस बार जहां बलौदाबाजार हिंसा और बिगड़ती कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने के मूड में है। वहीं सत्तापक्ष भी सरकारी योजनाओं को ढाल बनाकर विपक्ष के आरोपों का जवाब देता नजर आएगा। ऐसे में यह तय है कि सदन की कार्रवाई हंगामेदार तो होगी ही, काफी दिलचस्प भी हो सकती है।
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