मोदी सरकार के पास जवाब नहीं राहुल गांधी के सवालों का, चिंतन शिविर में महंगाई पर चर्चा न होना दुर्भाग्यजनक: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय |Modi government has no answer to Rahul Gandhi's questions: vikas upadhyay

मोदी सरकार के पास जवाब नहीं राहुल गांधी के सवालों का, चिंतन शिविर में महंगाई पर चर्चा न होना दुर्भाग्यजनक: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय

मोदी सरकार के पास जवाब नहीं राहुल गांधी के सवालों का! Modi government has no answer to Rahul Gandhi's questions: vikas upadhyay

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : September 2, 2021/3:47 pm IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने भाजपा के छत्तीसगढ़ में आयोजित 2 दिवसीय चिंतन शिविर में बढ़ती महंगाई को लेकर किसी तरह का चिंतन न किये जाने को भाजपा नेताओं के नियत में खोट बताया है।विकास उपाध्याय ने ये भी कहा,राहुल गांधी के पूछे सवालों का मोदी सरकार के पास अब कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कल पूछा था गैस और तेल से कमाए 23 लाख करोड़ रुपये कहाँ गए।

Read More: BJP के बयान पर कांग्रेस ने दी प्रति​क्रिया, ‘सिंधिया हवा हवाई नेता… जयवर्धन सिंह और उनके पिता जमीन से जुड़े हुए’

विकास उपाध्याय आज दिल्ली से जारी एक बयान में कहा,छत्तीसगढ़ में अपनी जनाधार खो चुकी भाजपा अब चिंतन करने भी असल मुद्दे को भूल रही है। उन्होंने कहा, भाजपा आदिवासी अंचल बस्तर में 2 दिवसीय चिंतन शिविर में इस बात को भूल गई कि आज देश व प्रदेश में जो मुख्य मुद्दा चिंतन करने की है वो बढ़ती महंगाई है।परंतु इस पर कोई चिंता नहीं किया गया। जबकि पूरा देश इस पर आज चिंता कर रही है। विकास उपाध्याय ने कहा,भाजपा के तमाम नेता इससे इतर इस चिंतन शिविर में जिस तरह से जश्न मना कर नाच रहे हैं उससे साफ जाहिर है कि उन्हें आमजन की कोई चिंता नहीं है।

Read More: पंचायत कार्यालय में अब कोई नहीं कहेगा ‘सर’ या ‘मैडम’.. यहां के लिए लगा प्रतिबंध

विकास उपाध्याय ने आगे कहा,आज मोदी सरकार इस कदर फेलियर हो चुकी है कि उससे देश चलाई नहीं जा रही है। मोदी की हर योजना रेत पर घर बनाना साबित हो रही है। उन्होंने कहा,हमारे नेता राहुल गांधी के सवालों का मोदी सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। जो प्रधानमंत्री रिपोर्ट कार्ड देने की बात करता था वह आज गैस और तेल से कमाई की गई 23 लाख करोड़ रुपये कहाँ गए का हिसाब दे नहीं पा रही है। जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि देश का विकास किस तरह हो रहा है। विकास उपाध्याय ने कहा, इसी साल जनवरी से मार्च के मुक़ाबले अप्रैल से जून के बीच तीन महीनों में उत्पादन में क़रीब 17 फ़ीसदी की गिरावट आई है। यानी हालात ऐसे नहीं हैं कि ढोल-नगाड़े पीटने शुरू कर दिए जाएं।

Read More: लड़कियों की जान को है खतरा, अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम को देश से बाहर निकालने के प्रयास जारी

विकास उपाध्याय ने कहा,चर्चा तो जीडीपी में बढ़त के आंकड़े पर चल रही है, लेकिन अगर ग्रोथ की असलियत को समझना हो तो यह बेहद जरूरी है कि भारत की जीडीपी यानी देश में होनेवाले कुल लेनदेन का आँकड़ा क्या है। जीडीपी के आँकड़े की सरकारी विज्ञप्ति में ही बताया गया है कि पिछले साल अप्रैल से जून के बीच देश की जीडीपी 26.95 लाख करोड़ रुपए थी जो इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में 20% बढ़कर 32.38 लाख करोड़ हो गई है।

Read More: ‘UP में 2022 के विधानसभा चुनाव में 2024 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई होने वाली है’

लेकिन यहां यह बात नहीं लिखी हुई है कि पिछले साल इस तिमाही की जीडीपी उसके पिछले साल के मुक़ाबले 24.4%कम थी।यानी 2019 में अप्रैल से जून के बीच भारत की जीडीपी थी 35.85 लाख करोड़ रुपए। इन तीन आँकड़ों को साथ रखकर देखें तब तस्वीर साफ़ होती है कि अभी देश की अर्थव्यवस्था वहाँ भी नहीं पहुँच पाई है, जहाँ अब से दो साल पहले थी। राहुल गांधी की दूरदर्शिता इसी बात को लेकर है।

Read More: 14 साल की लड़की से सामूहिक बलात्कार, बाहर से लौट रही थी लड़की, तीन युवकों ने बनाया हवस का शिकार