रायपुर, 25 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने मौजूदा दौर में मानव जीवन पर ऐसी तकनीकों के तेजी से हो रहे प्रभाव का भी हवाला दिया।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उनके फैसले जीवन रक्षा से जुड़े होते हैं।
उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवर 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्प को साकार करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जिसमें आधुनिकतम तकनीक हमारे जीवन को बहुत तेज गति से प्रभावित कर रही है। सुदूर क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए इन आधुनिकतम तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, ”यह हर्ष की बात है कि एम्स-रायपुर इस दिशा में प्रयासरत है। मुझे बताया गया है कि एम्स-रायपुर कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) द्वारा संचालित ‘क्लीनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ पर काम कर रहा है। इसके माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों के डॉक्टरों को आपातकालीन परिस्थितियों में ‘रियल टाइम’ मदद प्रदान की जाएगी।”
राष्ट्रपति ने कहा, ”एम्स-रायपुर द्वारा किए जा रहे इन कार्यों से सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार होगा तथा नागरिकों का जीवन बेहतर होगा। मुझे आशा है कि आने वाले समय में यह संस्थान जनहित के कार्यों में और विस्तार करेगा।”
देश में पिछले 10 वर्षों में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस दौरान सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ”देश के सभी नागरिकों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए भारत सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। पिछले एक दशक में, देशवासियों को ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज’ प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। ‘आयुष्मान भारत योजना’ के अंतर्गत अब 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिक भी लाभान्वित हो रहे हैं। ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ से लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध हो रही हैं। पिछले दस वर्षों में मेडिकल कॉलेज और एमबीबीएस तथा स्नातकोत्तर की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है। नए एम्स भी स्थापित किए गए हैं।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ”हमने वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है। आपकी पीढ़ी के द्वारा किए गए कार्य इस राष्ट्रीय संकल्प को सिद्ध करने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। आपको वंचित वर्गों की सेवा के कार्य को प्राथमिकता देनी है। जो लोग साधन सम्पन्न होते हैं उनके पास अनेक विकल्प हो सकते हैं। लेकिन, वंचित वर्ग के लोगों की आशाएं आप पर ही टिकी होती हैं। इसलिए मेरी आपको सलाह है कि सभी लोगों की, विशेषकर असहाय लोगों की, सेवा में आप हमेशा तत्पर रहें।”
उन्होंने कहा, ”एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना सौभाग्य की बात है। यहां से शिक्षा प्राप्त करके आपकी प्रतिभा और विकसित हुई होगी। चिकित्सा पेशेवरों का कार्य अत्यंत जिम्मेदारी भरा है। आपके निर्णय अनेक बार जीवन रक्षा से जुड़े हुए होते हैं। मैं समझती हूं कि आपको इस जिम्मेदारी का बोध है तथा अपने उत्तर-दायित्वों का निर्वाह आप पूरी तन्मयता एवं क्षमता से करेंगे।”
राष्ट्रपति ने कहा, ”चिकित्सा पेशेवरों के तौर पर आप प्रायः ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं जो बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती हैं। उनका सामना करने के लिए आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना सीख लेते हैं। भावुकता से मुक्त हो कर कार्य करने और संवेदनशीलता की कमी होने के बीच बहुत थोड़ा सा ही अंतर होता है।”
उन्होंने कहा, ”मैं समझती हूं कि जब आपने यह कार्यक्षेत्र चुना होगा, तब आपके मन में दया, करुणा और संवेदना के आदर्श रहे होंगे। आपको हमेशा याद रखना है कि ये मानवीय मूल्य हमको मजबूत बनाते हैं। इसलिए हमेशा अपने कार्यक्षेत्र में इन जीवन-मूल्यों के साथ काम करें। इससे आपको कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी, तथा आपका जीवन सार्थक होगा।”
राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा, ”कई अवसरों पर आप तनावपूर्ण वातावरण में सेवा कार्य करेंगे। अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा न करें, उसका ध्यान रखें। मरीजों में विश्वसनीयता बढ़ाने एवं उनका बेहतर इलाज करने के लिए आपका स्वस्थ रहना तथा स्वस्थ दिखना अत्यंत आवश्यक है।”
उन्होंने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले छात्रों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, ”राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा करते हुए मुझे कई समारोह में भाग लेने का अवसर मिलता है। शिक्षण संस्थानों में जाकर मुझे अधिक प्रसन्नता होती है। मुझे संतोष का अनुभव होता है कि हमारे देश का भविष्य आप जैसे प्रतिभावान युवाओं के हाथों में सुरक्षित है। आज उपाधि एवं पदक प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को मैं बहुत-बहुत बधाई देती हूं एवं उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूं। जिन अभिभावकों और शिक्षकों के समर्थन तथा सहयोग से आपने यह रास्ता तय किया है, वे भी बधाई के पात्र हैं।”
इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा एम्स रायपुर के कार्यपालक निदेशक और सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) और बड़ी संख्या में शिक्षक तथा छात्र मौजूद थे।
दीक्षांत समारोह में चिकित्सा और नर्सिंग के विभिन्न क्षेत्रों से 514 छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए डिग्री प्रदान की गई।
भाषा
संजीव, रवि कांत
रवि कांत
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