रायपुर: छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन की शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में कल 10 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में दोपहर 12 बजे आयोजित कार्यक्रम में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और राज्य के मिलेट मिशन के अंतर्गत आने वाले जिलों के कलेक्टरों के बीच एमओयू होगा। कार्यक्रम से इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. विलास ए.तोनापी और मुख्य वैज्ञानिक डॉ. दयाकर राव ऑनलाइन जुड़ेंगे।
देश-विदेश में कोदो-कुटकी, रागी जैसे मिलेट की बढ़ती मांग को देखते हुए मिलेट मिशन से वनांचल और आदिवासी क्षेत्र के किसानों की न केवल आमदनी बढ़ेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिलेगी। वहीं मिलेट्स के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को मिलेगा रोजगार भी मिलेगा। कार्यक्रम में कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया और जशपुर जिले के कलेक्टर वर्चुअल रूप से शामिल होंगे।
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इन जिलों के कलेक्टरों और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद के बीच कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के संबंध में एमओयू किया जाएगा। इसके अलावा आईआईएमआर हैदराबाद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर विकसित की गई वैज्ञानिक तकनीक का मैदानी स्तर पर किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
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