रायपुरः छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में मंगलवार को दिनभर हलचल मची रही। एक ओर PCC प्रभारी कुमारी सैलजा के औचक दौरे से कयासों का बाजार गर्म रहा तो दूसरी ओर BJP प्रभारी ओम माथुर ने कार्यसमिति में महामंथन किया। जब बैठकों का सिलसिला खत्म हुआ तब जाकर पता चला का कि चुनावी हांडी में क्या पक रहा था, हालांकि अब भी कई सवालों के जवाब आने बाकी है।
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दरअसल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा के औचक दौरे से राजधानी रायपुर में अचानक सियाली हलचल तेज हो गई। एयरपोर्ट से होटल और फिर सीएम हाउस में करीब 3 घंटे तक हाईलेवल मीटिंग के दौरान तमाम बड़े नेताओं ने चुप्पी साधे रखी, जिससे कयासों का बाजार गर्म हो गया। हालांकि बैठक खत्म होने के बाद नेताओं ने कयासों पर विराम लगाते हुए इसे चुनावी तैयारी बताया।
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इधर, बीजेपी प्रभारी ओम माथुर भी चुनावी रणनीति को धार देने में जुटे हुए हैं। रायपुर में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में घोटालों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री से इस्तीफे की मांग की गई। बैठक में छत्तीसगढ़ बचाओ संकल्प पारित हुआ और 20 मई से ‘चलबो गौठान खोलबो पोल’ अभियान का फैसला भी लिया गया।
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छत्तीसगढ़ में करीब 180 दिन बाद 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। उससे पहले राजनीतिक पार्टियां चुनावी बिसात पर शह-मात की रणनीति तैयार कर रही है। मुद्दों को धार दिया जा रहा है और महारथियों को तैयार किया जा रहा है। बहरहाल, चुनावी हांडी में आंच की तपिश तो महसूस की जा रही है लेकिन अंदर क्या खिचड़ी पक रही है, इसका जवाब आना बाकी है।