रायपुर । रायपुर की अदालत ने मीना खलखो हत्याकांड में आरोपी पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया है। हाल ही में इस मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक इस मामले में धर्मदत धनिया, निकोदेम खेस और जीवन लाल रत्नाकर को बरी किया गया है। धर्मदत इन दिनों में दिल्ली में हैं। जीवनलाल रामानुंजगंज के थाने में हेड कॉन्स्टेबल हैं। इन पर 16 साल की लड़की मीना को गोली मारने का आरोप था। 6 जुलाई 2011 में बलरामपुर के लोंगरटोला में पुलिस फायरिंग में मीना की मौत हुई थी, तब पुलिस ने मीना को नक्सली बताया था।
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घटना के बाद यानी की साल 2011 में मीना खलको हत्याकांड के बाद पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगा। आदिवासी युवती की मौत के बाद खासा बवाल मचा। शासन की ओर से न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। न्यायिक जांच में 42 पुलिस अधिकारियों और जवानों पर हत्या और हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया। जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज करने के बाद पूरे केस की बारीकी से पड़ताल का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया। इस मामले में पुलिस अफसरों और जवानों का बयान लिए गए।