Tribal CM in Chhattisgarh: रायपुर। बीजेपी अगर छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीएम बनाती है तो लोकसभा चुनाव के साथ-साथ पार्टी को झारखंड विधानसभा चुनाव में भी मिल सकता है.. लेकिन अगर बीजेपी किसी आदिवासी चेहरे को सीएम नहीं बनाती है तो..वो कौन-कौन से चेहरे हैं जो छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री बन सकते हैं…देखिये ये रिपोर्ट..
छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर कांग्रेस से पांच साल पुराना हिसाब बराबर कर लिया है. सूबे की 90 सीटों में से बीजेपी ने 54 तो कांग्रेस ने 35 सीटें जीती हैं. जाहिर है छत्तीसगढ़ बीजेपी ने विधानसभा चुनाव बिना सीएम फेस के लड़ा था..ऐसे में अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा..? अगर बीजेपी किसी आदिवासी चेहरे को मुख्यमंत्री नहीं बनाती है तो..पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा OBC वर्ग से आने वाले अरुण साव, ओपी चौधरी भी सीएम की रेस में शामिल हैं..
इन नेताओँ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम सबसे ऊपर है.. क्योंकि बीजेपी में रमन सिंह का चेहरा सबसे पुराना और पहचाना हुआ है.. चाउर वाले बाबा के रुप में मशहूर रमन सिंह को सरकार चलाने का लंबा अनुभव है..वो लगातार 15 साल सीएम पद संभाल चुके हैं। सबको साथ लेकर चलने की दक्षता और जनता के बीच लोकप्रिय छवि होने से उनकी दावेदारी बेहद मजबूत है..
मुख्यमंत्री के संभावित उम्मीदवारों में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम भी है.. अरुण साव प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ संघ की पृष्ठभूमि के हैं। इसके साथ ही ओबीसी वर्ग के कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते हैं। बेदाग छवि के कारण उनका दावा और मजबूत हो जाता है..
भाजपा के प्रदेश महामंत्री तेजतर्रार पूर्व आईएएस ओपी चौधरी आलाकमान की पसंद है। चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह इसका संकेत दे चुके हैं। (बड़ा आदमी बनाऊंगा वाला एंबियंस) राजनीति के साथ ब्यूरोक्रेट का अनुभव होने के अलावा जातीय समीकरण भी ओपी चौधरी के पक्ष में हैं। लिहाजा भाजपा नए विजय और नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ में चुनाव का फैसला अप्रत्याशित आया है..तो कयास ये भी लग रहे हैं कि अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने वाली बीजेपी इन चेहरों के अलावा किसी नए चेहरे पर मुहर लगा दे तो हैरानी की बात नहीं।
-ब्यूरो रिपोर्ट, IBC24