matter of amendment in the Panchayat Act reached the High Court

Chhattisgarh News: हाईकोर्ट पहुंचा पंचायत अधिनियम में संशोधन का मामला, याचिका पर जल्द हो सकती है सुनवाई

Chhattisgarh News: प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।

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Reported By: Vishal Vishal Kumar Jha

Modified Date: January 15, 2025 / 04:39 PM IST
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Published Date: January 15, 2025 4:36 pm IST

बिलासपुर: Chhattisgarh News: प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। यह याचिका जिला पंचायत सूरजपुर के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने लगाई है। इस मामले पर हाईकोर्ट में जल्द सुनवाई हो सकती है।

Chhattisgarh News:  सूरजपुर ज़िला पंचायत के उपाध्यक्ष नरेश रजवाड़े ने हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण शून्य किए जाने के खिलाफ याचिका दायर किया है। नरेश रजवाड़े ने मामले को लेकर हाइकोर्ट में अधिवक्ता शक्ति राज सिन्हा के माध्यम से याचिका पेश की गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पाँचवी अनुसूची में सम्मलित ज़िलों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण प्रदान करने वाली छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के धारा 129(ड.) की उपधारा (03) को लोप करने के लिए पिछले साल 3 दिसंबर को राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश -2024 को लाया। भारत के संविधान की अनुच्छेद 213 में निहित प्रावधान के तहत कोई भी अध्यादेश अधिकतम छह माह की अवधि तक ही क्रियाशील होता है अथवा विधान सभा के आगामी सत्र में अनिवार्य रूप से प्रस्ताव पारित कर अधिनियम का रूप दिलाना होता है, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीर चूक की है।

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Chhattisgarh News:  उक्त अध्यादेश जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ विधान सभा के आहूत सत्र दिनांक 16.01.2024 से 20.01.2024 तक में इस महत्वपूर्ण अध्यादेश को पारित नहीं कराते हुए मात्र विधान सभा के पटल पर रखा गया है, जिसके कारण उक्त अध्यादेश वर्तमान में विधिशून्य/औचित्यविहीन हो गया है। ऐसी स्थिति में वर्तमान में उक्त संशोधन के आधार छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) में दिनांक 24.12.2024 को किया गया संशोधन पूर्णतः अवैधानिक हो गया है। हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में कहा गया कि, इस प्रकार अवैधानिक हो चुके संशोधित छत्तीसगढ़ पंचायत निर्वाचन नियम (5) के आधार पर प्रदेश के संचालक पंचायत एवं सभी ज़िलों में कलेक्टर द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए जारी किया गया आरक्षण रोस्टर पूर्णतः अवैधानिक हो गया है। जिसे निरस्त कर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के पूर्व प्रावधान के आधार पर आरक्षण रोस्टर निर्धारित कर वैधानिक रूप से पंचायत चुनाव कराया जाए।

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