रायपुरः Liquor Shop Closed Latest News सतनाम पंथ के प्रवर्तक और छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत गुरु घासीदास जंयती के मौके पर पूरे प्रदेश में शुष्क दिवस घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग की ओर से जारी निर्देश के बाद अब जिला स्तर पर भी आदेश जारी होना शुरू हो गया है। सरगुजा, बेमेतरा सहित कई जिलों की कलेक्टरों ने यह आदेश जारी किया है।
Read More : Alia Bhatt Desi Look: राज कपूर की 100वीं जयंती पर सफेद साड़ी में आलिया भट्ट ने बिखेरा जलवा
Liquor Shop Closed Latest News सरगुजा कलेक्टर की ओर से जारी आदेश के मुताबिक जिले में गुरू घासीदास जयंती 18 दिसंबर 2024 को शुष्क दिवस घोषित किया गया है। इस दौरान जिले में संचालित समस्त देशी मदिरा दुकानें, विदेशी मदिरा दुकानें, संलग्न अहाता, एफ.एल.8 तथा मद्य भण्डागार पूर्णतः बंद रहेगा। इस दिन मदिरा का विक्रय, परिवहन एवं परोसना पूर्णतः बंद रहेगा। उन्होंने इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि गुरु घासीदास का जन्म 1756 में उस समय के रायपुर ( अब बलौदाबाजार) जिले के गिरौदपुरी गांव में हुआ था। वे एक गरीब और साधारण परिवार में पैदा हुए थे। छाता पहाड़ में ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होंने सत्य का प्रचार किया। इतना हीं नहीं उन्होंनेसामाजिक कुरीतियों पर कुठाराघात किया। जिसका असर आज तक दिखाई पड रहा है। उनकी जयंती हर साल पूरे छत्तीसगढ़ में 18 दिसम्बर को मनाया जाता है।
हां, 18 दिसंबर 2024 को गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर राज्यभर में शराब की दुकानें बंद रहेंगी। शराब का विक्रय, परिवहन और परोसना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
सरगुजा, बेमेतरा और अन्य जिलों में शुष्क दिवस घोषित किया गया है। कलेक्टरों ने आदेश जारी किए हैं कि इस दिन शराब की दुकानें पूरी तरह से बंद रहेंगी।
शुष्क दिवस के आदेश छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग ने जारी किए हैं। इसके बाद जिलों के कलेक्टरों ने इसे लागू करने के लिए आदेश दिए हैं।
गुरु घासीदास की जयंती 18 दिसंबर को मनाई जाती है, क्योंकि उनका जन्म इसी दिन हुआ था। वे सत्य के प्रचारक और समाज सुधारक थे जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
शुष्क दिवस पर शराब की दुकानों को बंद रखने का उद्देश्य धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक कारणों से शराब के सेवन को नियंत्रित करना होता है। गुरु घासीदास जयंती के दिन शुद्धता और सुधार की भावना के तहत यह निर्णय लिया जाता है।