Korba nikay chunav: भाजपा प्रत्याशी के जाति और आय प्रमाणपत्र पर विवाद ने पकड़ा तूल, कोरबा में गर्म हुआ चुनावी माहौल |

Korba nikay chunav: भाजपा प्रत्याशी के जाति और आय प्रमाणपत्र पर विवाद ने पकड़ा तूल, कोरबा में गर्म हुआ चुनावी माहौल

korba nikay chunav: कोरबा नगर पालिक निगम के वार्ड 26 (पं. रविशंकर नगर) के पार्षद पद के भाजपा प्रत्याशी अजय विश्वकर्मा के जाति और आय प्रमाणपत्र में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद से ही चुनावी माहौल में उथल-पुथल मच गई है।

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Reported By: dhiraj dubay

Modified Date: January 29, 2025 / 12:08 AM IST
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Published Date: January 29, 2025 12:07 am IST
HIGHLIGHTS
  • भाजपा के प्रत्याशी के साथ-साथ पार्टी और सरकार की छवि को भी गंभीर चुनौती
  • अजय ने बिना आय प्रमाणपत्र के ही जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया

कोरबा : korba nikay chunav, कोरबा नगर पालिक निगम के वार्ड 26 (पं. रविशंकर नगर) के पार्षद पद के भाजपा प्रत्याशी अजय विश्वकर्मा के जाति और आय प्रमाणपत्र में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के बाद से ही चुनावी माहौल में उथल-पुथल मच गई है। यह वार्ड अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित है और अजय के प्रत्याशी बनने के बाद से स्थानीय निवासियों में असंतोष का माहौल बना हुआ था। विशेष रूप से, अजय वार्ड 32 के निवासी हैं, जो वार्ड 26 से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है, और लोग यह सवाल उठा रहे थे कि छोटे-छोटे कामों के लिए उन्हें अजय के घर जाना पड़ेगा।

अब इस नए विवाद ने भाजपा के प्रत्याशी के साथ-साथ पार्टी और सरकार की छवि को भी गंभीर चुनौती दी है। 49 साल की उम्र तक में अजय ने जाति और आय प्रमाणपत्र क्यों नहीं बनवाए, यह सवाल गहरे उठ रहे हैं। उन्होंने चुनावी समय के दौरान आनन-फानन में अधिकारियों पर दबाव डालकर, 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रीय अवकाश के दिन जाति और आय प्रमाणपत्र जारी कराए, जबकि ऐसा करना प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन था। नियमों के अनुसार, जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों का पालन किया जाना चाहिए था, लेकिन अजय ने बिना आय प्रमाणपत्र के ही जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया, और फिर अवकाश अवधि में नायब तहसीलदार से प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया।

आय प्रमाणपत्र में भी विरोधाभास आया सामने

इसके साथ ही, आय प्रमाणपत्र में भी विरोधाभास सामने आया है। अजय ने शपथपत्र में ₹4,14,520 की आय का उल्लेख किया, जबकि आय प्रमाणपत्र में उनकी आय ₹2,50,000 बताई गई। यह दोनों आय विवरण एक ही व्यक्ति के लिए एक ही वर्ष में अलग-अलग कैसे हो सकते हैं, यह एक गंभीर सवाल है और यह दर्शाता है कि अजय ने आय प्रमाणपत्र में जानबूझकर गलत जानकारी दी।

यह मामला न केवल अजय विश्वकर्मा के नामांकन और उनकी पार्टी भाजपा की छवि पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन पर भी गंभीर प्रश्न उठाता है। जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार की सुशासन की बात की जाती है, वहीं इस मामले ने पार्टी और सरकार की सुचिता पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की निष्पक्षता और नियमों के पालन में हुई चूक ने सरकार के संचालन पर संदेह पैदा किया है।

चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी कराने की मांग

स्थानीय लोग इस मामले की पूरी जांच की मांग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इस विवाद ने न केवल भाजपा के प्रत्याशी के चुनावी भविष्य को प्रभावित किया है, बल्कि पार्टी और राज्य सरकार की छवि को भी गहरे ढंग से प्रभावित किया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले की जांच करता है और क्या पार्टी और सरकार इस पर कार्रवाई करती है।

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