रायपुरः Kisan Vriksh Mitra Yojana Update छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार एक ओर जहां छत्तीसगढ़ के संवारने के लिए लगातार विकास का काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर प्रकृति के सरंक्षण के लिए भी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने प्रदेश में किसान वृक्ष मित्र योजना चालू की है। चूंकि प्रकृति का श्रृंगार पेड़-पौधे होते हैं। इनसे प्राणवायु तो मिलती ही है। साथ ही साथ इनके प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मिलने वाला लाभ स्वास्थ्य व समृद्धि कारक होता है। यहीं वजह है सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार काम कर रही है।
Kisan Vriksh Mitra Yojana Update किसान वृक्ष मित्र योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। इसके तहत राज्य के सभी किसानों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें, और स्वायत्व संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों के वृक्षारोपण के बाद, सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के बेचने की व्यवस्था करते हुए एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था आदि सुनिश्चित करना है। इसके अलावा किसानों की खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण कर हरियाली लाना है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ ही प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम किया जा सके।
वन विभाग के जिम्मे में चल रही यह योजना केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी साय सरकार की सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाता है। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बाँस, टिश्यू कल्चर बंबू, रक्त चंदन, आँवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाते हैं। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
कोरबा वन मंडल में कुल 37 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत 5 लाख 300 पौधे रोपने का प्लान है। अब तक की स्थिति में कोरबा वन मंडल के 6 रेंज के 740 किसानों ने अपनी सहमति दे दी है। कोरबा वन मंडल के अंतर्गत आने वाले कोरबा, करतला, कुदमुरा, पसरखेत, बालको व लेमरू रेंज में वन कर्मियों ने सर्वे का कार्य शुरू कर दिया था। किसानों को योजना के तहत पौधरोपण करने व इससे होने वाले फायदे से अवगत कराया गया। वन कर्मियों के लगातार प्रयास के बाद छह रेंज के 740 किसानों ने योजना के तहत पौधरोपण करने अपनी सहमति दे दी है।