अंबिकापुर: केवाच यानी केचमी जिसे खुजली का पौधा माना जाता है। अब इसका उपयोग प्रोटीन के लिए हो सकेगा। अंबिकापुर के वृक्ष मित्र ओपी अग्रवाल के परिष्कृत केवाच को वन विभाग प्रायोगिक तौर पर इसकी उपयोगिता का परीक्षण कर रहा है।
माना जा रहा है कि इसका सही तरीके से पैदावार हुई, तो न सिर्फ कुपोषण से लड़ाई में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों की आय में भी इजाफा होगा। एक सेमिनार में बीज लेकर आए ओपी अग्रवाल ने इसकी पैदावार की करीब 2 क्विंटल बीज को वन विभाग समेत उद्यान विभाग को सौंपा। बताया जा रहा है कि केवाच का बीज प्रोटीनयुक्त होता है, जिसे दाल के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके पावडर को उपयोग करने से कुपोषण दूर होगा।
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