कांकेर। जिले में नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबल को बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सलियों के प्लाटून नम्बर 5 के डिप्टी कमांडर ने बीएसएफ के सामने आत्म समपर्ण कर दिया है। डिप्टी कमांडर सुन्नु मावड़ी उर्फ शिवाजी पर 3 लाख का इनाम घोषित था। सुन्नु उर्फ बीजापुर जिले का रहने वाला है, जो कि 2005 से नक्सल संगठन में सक्रिय था और अलग-अलग जिलों में नक्सल संगठन में रहते हुए 45 जवानों की हत्या में शामिल रहा है। बड़े कैडर के नक्सली के हथियार डालने से सुरक्षाबल के हाथ नक्सलियो से सम्बंधित अहम सुराग हाथ लग सकते है।
समर्पण करने वाले नक्सली ने नक्सल संगठन में भर्ती होने को लेकर भी अहम खुलासे किए है। नक्सली सुन्नु उर्फ शिवाजी ने मीडिया के सामने दिए बयान में बताया कि 2005 में सलवा जूडूम के दौरान उसका घर जला दिया गया था, जिसके बाद नक्सल संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने उसे बताया कि नक्सल संगठन में रहने और खाने की सुविधा दी जा रही है, जिसके कारण वह संगठन में बाल सदस्य के रूप में जुड़ गया था और तबसे आज तक 18 सालों से वह नक्सल संगठन में सक्रिय रहा।
लंबे समय तक नक्सल संगठन में वो बीजापुर, कांकेर, राजनांदगांव जिले में सक्रिय रह चुका है। 2005 में 3 माह नक्सलियों के कंपनी नम्बर 2 में रहा। 2006 में कांकेर जिले के परतापुर एरिया कमेटी में भेज दिया गया था, जहां उसे कंपनी नम्बर 5 का डिप्टी कमांडर बनाया गया था। यहां वह 2016 तक कार्य करता था, जिसके बाद उसने संगठन की ही एक महिला नक्सली से विवाह किया तो सब पद से हटाकर उसका डिमोशन कर दिया गया था, लेकिन बाद में फिर प्रमोशन करके बीजापुर के गंगालूर एरिया कमेटी वापस भेजा गया था।
धीरे-धीरे नक्सल संगठन के गलत व्यवहार और जंगल मे रहने से होने वाली तकलीफ से के कारण वह भागकर अपने घर चला गया था, जहां से पहले से समर्पण कर चुके नक्सली ने आत्म समर्पण करने की सलाह दी, जिसके बाद वह कांकेर वापस आकर बीएसएफ के सामने समर्पण कर रहा है। IBC24 से अमित चौबे की रिपोर्ट
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