रायपुर/बीजापुर, चार जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में शनिवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस हत्याकांड की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की घोषणा की ।
शर्मा ने यह भी दावा किया कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का नेता है एवं एक ठेकेदार है।
हालांकि, कांग्रेस ने दावा किया है कि सुरेश चंद्राकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया था।
पुलिस के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) एक जनवरी की रात से लापता थे तथा शुक्रवार को उनका शव बीजापुर शहर के चट्टानपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाले परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया।
शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि सुरेश चंद्राकर फरार है, जबकि उसके रिश्तेदार रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर तथा सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया गया है।
गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे शर्मा ने कहा, ‘‘इस मामले में सुरेश चंद्राकर मुख्य आरोपी है। वह बीजापुर में कांग्रेस नेता और पार्टी का पदाधिकारी है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस की चार टीम बनाई गई हैं। उसके और अन्य आरोपियों के बैंक खाते‘फ्रीज’ करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हमने सुरेश चंद्राकर के तीन खातों को ’फ्रीज’ कर दिया है।’’
शर्मा ने कहा कि प्रशासन ने आरोपी की अवैध संपत्तियों और अतिक्रमणों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।
उपमुख्यमंत्री ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर के बारे में कहा कि वह माओवाद प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में अपनी रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे और स्थानीय मुद्दों की उन्हें गहरी समझ थी।
शर्मा ने कहा,‘‘उनकी हत्या बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों में एक बड़ी बाधा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने उनकी हत्या की जांच के लिए बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आईपीएस अधिकारी मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11-सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। पुलिस तीन से चार सप्ताह में आरोप-पत्र दाखिल करेगी और हम अदालत से त्वरित सुनवाई का अनुरोध करेंगे।’’
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि सुरेश चंद्राकर द्वारा बीजापुर-गंगालूर मार्ग के किनारे वन भूमि पर कब्जा कर बनाए गए निर्माण यार्ड को ढहा दिया गया है।
शर्मा ने कहा कि बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली एक खबर 25 दिसंबर को एनडीटीवी पर दिखाया गया था और इसे मुकेश चंद्राकर की हत्या के पीछे की वजह बताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच उसी दिन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा शुरू की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे यह मुद्दा हो या कोई और मुद्दा, हमारी सरकार इसकी जांच करेगी और गंभीर कार्रवाई की जाएगी।’’
राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के पास पीडब्ल्यूडी विभाग है। उन्होंने कहा है कि आरोपी सुरेश चंद्राकर द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य की जांच की जाएगी।
मुकेश चंद्राकर समाचार चैनल एनडीटीवी के लिए एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे तथा वह एक यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ भी चलाते थे, जिसके लगभग 1.59 लाख सब्सक्राइबर हैं।
मुकेश चंद्राकर ने अप्रैल 2021 में बीजापुर के टेकलगुडा नक्सली हमले के बाद माओवादियों की कैद से कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस घटना में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
इधर बीजापुर में बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सुंदरराज पी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरोपी रितेश को रायपुर हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जबकि दो अन्य को बीजापुर से पकड़ा गया।
सुंदरराज ने बताया, ‘‘जांच में पता चला कि मृतक मुकेश चंद्राकर और रितेश चंद्राकर रिश्ते में (दूर के) भाई थे तथा दोनों अक्सर पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत करते थे। एक जनवरी की रात लगभग आठ बजे दोनों ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद दोनों चट्टानपारा में सुरेश चंद्राकर के परिसर (संपत्ति) में गए और खाना खाने लगे। इस बीच दोनों के बीच बहस हो गई। रितेश ने दावा किया कि मुकेश उनका रिश्तेदार होने के बावजूद उनके काम (निर्माण कार्य) में बाधा डाल रहा है। इसके बाद रितेश ने सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद उन्होंने शव को एक सेप्टिक टैंक में फेंक दिया और उसका ढक्कन बंद कर दिया। इसके बाद तीनों ने सबूत मिटाने की साजिश रची।’’
उन्होंने बताया, ‘‘आरोपी रितेश, रामटेके और दिनेश अपराध में इस्तेमाल हथियार और मृतक के मोबाइल को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग जगहों पर गए। रितेश ने अपने बड़े भाई दिनेश से सेप्टिक टैंक पर नई स्लैब डालने को कहा और अपने बड़े भाई ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के वाहन से रायपुर के लिए निकल गया। इसके बाद रितेश दो जनवरी की शाम रायपुर से नयी दिल्ली चला गया।’’
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की रात करीब आठ बजे लापता हो गये थे और उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने अगले शाम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान मुकेश के रिश्तेदारों और मीडियाकर्मियों से उनके लापता होने के बारे में पूछताछ की गई और संदिग्ध व्यक्तियों के ‘मोबाइल टावर लोकेशन’ निकाले गए।
उन्होंने कहा कि मुकेश के अंतिम ज्ञात स्थान के आधार पर दो जनवरी की रात को चट्टानपारा में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर के सभी कमरों की जांच की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला।
सुंदरराज के मुताबिक तीन जनवरी को सबसे बड़ी आशंका के चलते सुरेश चंद्राकर के परिसर में बैडमिंटन कोर्ट के पास नए बने सेप्टिक टैंक की जांच की गई तथा सेप्टिक टैंक के ऊपर बने नए स्लैब को तोड़कर जब ढक्कन हटाया गया तब उसमें एक पुरुष का शव नजर आया। इस मृत व्यक्ति की पहचान मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई। मृतक के माथे, पीठ, पेट और छाती पर किसी कठोर और कुंद वस्तु से चोट के निशान थे।
सुंदरराज ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है तथा फरार सुरेश चंद्राकर की तलाश के लिए चार टीम गठित की गई हैं।
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि मुकेश चंद्राकर की हत्या में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा तथा जांच के लिए गठित एसआईटी टीम वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच करेगी और जल्द से जल्द अभियोजन के लिए आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करेगी।
प्रेस एसोसिएशन और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने शनिवार को मुकेश चंद्राकर की हत्या की निंदा की एवं राज्य सरकार से मामले की गहन जांच करने की मांग की।
‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ और भारतीय महिला प्रेस कोर ने एक अलग बयान में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इससे पहले आज दिन में पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में रायपुर प्रेस क्लब के बाहर धरना दिया। बाद में पत्रकारों ने राजभवन तक मार्च निकाला और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पत्रकार अंबेडकर चौक पहुंचे और वहां मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी।
इधर उपमुख्यमंत्री शर्मा के दावों का खंडन करते हुए प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हत्या का आरोपी सुरेश चंद्राकर पिछले साल भाजपा में शामिल हुआ था।
उन्होंने कहा , ”हत्यारोपी सुरेश चंद्राकर भाजपा में शामिल हो गया था। बीजापुर के वरिष्ठ भाजपा नेताओं और बीजापुर के पूर्व भाजपा अध्यक्ष जी वेंकट के साथ उसकी तस्वीरें हैं। सुरेश 10 दिन पहले मुख्यमंत्री आवास भी भी गया। मुख्यमंत्री आवास की सीसीटीवी फुटेज भी सार्वजनिक की जानी चाहिए। 15 दिनों के दौरान मुख्यमंत्री आवास में आने वालों की सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए। अपराधी अपराधी है, जिसने अपराध किया है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
शुक्ला ने कहा कि चाहे वह कांग्रेस का सदस्य हो, या भाजपा का, या किसी अन्य पार्टी का नेता हो, जिसने अपराध किया है वह अपराधी है।
शुक्ला ने पूछा, ‘‘मुकेश चंद्राकर द्वारा उजागर किए गए ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भ्रष्टाचार पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है? क्या मंत्रियों और सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण के बिना 120 करोड़ रुपये के सड़क ठेके में 90 प्रतिशत अग्रिम भुगतान संभव है? ठेकेदार को किसका संरक्षण प्राप्त है? सत्ताधारी पार्टी के उन लोगों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी।’’
कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और अरुण साव के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने मुकेश चंद्राकर के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।
भाषा सं संजीव सुरेश राजकुमार
राजकुमार
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