जांजगीर । 104 घंटे के अथक प्रयास के बाद बोरवेल के गड्ढे में फंसे राहुल को बाहर निकाल लिया गया है। इस दुष्कर कार्य में जितनी मेहनत रेस्क्यू टीम ने की उतना ही साहस राहुल ने भी दिखाया है। 5 दिनों तक बोरवेल के गड्ढे में फसे रहना कोई आम बात नहीं है। संकट की घड़ी में बहादुर बच्चे की जिजीविषा काबिले तारीफ है।जितने धैर्य से बचाव दल ने काम किया,राहुल भी उतनी ही हिम्मत से बोरवेल के अंदर डटा रहा,जिससे रेस्कयू टीम को संबल मिला।
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104 घंटे तक राहुल ने गहरे गड्ढे में सांप और मेंढक के साथ लंबा वक्त बिताया। मानसिक रुप से कमजोर इस बच्चे ने धैर्य और साहस की नई मिशाल दी और मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंज़ूरे ख़ुदा होता है… जैसी बातों को चरितार्थ करके दिखाया।
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विषम परिस्थिति में भी राहुल की हालत स्थिर है। प्राथमिक जांच में बीपी, शुगर, और हार्ट रेट नॉर्मल बताई गई । ऐसी परिस्थिती में किसी बच्चे का शरीर संकट से बाहर रहना उसके साहस और मजबूत आत्मविश्वास को दर्शाता है। फिलहाल राहुल को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में एडमिट किया गया है। जहां उसका इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों के निगरानी में की जा रही है।
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13 hours ago