भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति को नष्ट करने का संस्थागत प्रयास किया जा रहा है - उपराष्ट्रपति |

भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति को नष्ट करने का संस्थागत प्रयास किया जा रहा है – उपराष्ट्रपति

भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति को नष्ट करने का संस्थागत प्रयास किया जा रहा है - उपराष्ट्रपति

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Modified Date: November 6, 2024 / 08:57 PM IST
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Published Date: November 6, 2024 8:57 pm IST

रायपुर, छह नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को लोगों को धर्म परिवर्तन के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि लोगों की आस्था बदलने और भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति को नष्ट करने का एक ‘संस्थागत प्रयास’ किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय राज्योत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने वामपंथी उग्रवाद को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा इसे पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के महापुरुषों ने निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा की और समाज के लिए समर्पित रहे।

उन्होंने कहा, “सेवा निस्वार्थ होनी चाहिए, सेवा में कोई स्वार्थ नहीं होना चाहिए। निस्वार्थ सेवा के नाम पर लुभावने माध्यमों की आड़ में दिलों तक पहुंचने का प्रयत्न किया जा रहा है। हमारे दिल में जो श्रद्धा है उसे परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है।”

धनखड़ ने कहा, “हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है, यह एक तरीके से उस पर प्रहार है। आस्था बदलने का घिनौना और घृणित काम किया जा रहा है। हमें इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। यह संस्थागत तरीके से हो रहा है। यह धनबल के आधार पर हो रहा है।”

उन्होंने कहा कि यह एक उद्देश्य के लिए हो रहा है तथा भोलेपन का फायदा उठाया जा रहा है और भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “भारत की आत्मा को जीवित और शुद्ध रखने के लिए ऐसी ताकतों को बिना देरी किए दबाना जरूरी है। ऐसे दुष्प्रयत्न में खास तौर पर हमारे आदिवासी भाई-बहनों को निशाना बनाया जाता है। समाज को ऐसी मानसिकता के खिलाफ सजग रहने की जरूरत है।”

धनखड़ ने कहा कि भारत में सदियों से सबको साथ लेकर चलने की संस्कृति रही है, जिसमें हर वर्ग का विशेष स्थान है और इस विशेषता को हमेशा बनाए रखना है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए नक्सलवाद एक और चिंता का विषय है और इस पर उचित तरीके से अंकुश लगाना होगा तथा इस पर सरकार ध्यान दे रही है।

धनखड़ ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने माओवाद को रोकने की लगातार कोशिश की।

उपराष्ट्रपति ने कहा, “इतिहास हमें याद दिलाता है कि समाज के खिलाफ हथियार उठाने का नतीजा कभी अच्छा नहीं होता। हमें सावधान रहना होगा कि हमारे युवा गुमराह न हों और अपने जीवन के शानदार वर्षों को बर्बाद न करें।”

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि आज सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण युवाओं को कई अवसर मिल रहे हैं और फिर भी किसी न किसी तरह से इस बुराई पर अंकुश लगाना होगा।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, राज्य विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह और अन्य लोग मौजूद थे।

भाषा संजीव नोमान

नोमान

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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