रायपुर: यूपी के लखीमपुर में मृतक किसानों के परिजनों को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 50-50 लाख मुआवजा दिए जाने के मामले में सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष ने मांग की है कि बस्तर के सिलगेर गोलीकांड में मारे गए आदिवासी और भूख-कुपोषण से पंडो आदिवासियों की मौत के मामलों में भी परिजन को 50-50 लाख का मुआवजा दिया जाए। साथ ही पिछले ढाई साल में छत्तीसगढ़ में सभी मृतकों के परिजन को 50-50 लाख का मुआवजा दिया जाए।
भाजपा ने सवाल किया कि क्या दूसरे प्रदेशों में किसान की भी मौत पर प्रदेश सरकार इतना ही मुआवजा देगी? जिस पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि लखीमपुर की घटना को किसी अन्य घटना से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री के बेटे ने अन्नदाताओं को कुचला है।
साथ ही उन्होंने रमन सिंह पर सवाल उठाते हुए कहा कि रमन सिंह कभी सिलगेर या नक्सल घटना के बाद पीड़ितों से मिलने नहीं गए। जबकि हमारे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि सिलेगर गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर भाजपा केवल राजनीति करना चाहती है। वहीं छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में 15000 किसानों ने आत्महत्या की है, उन्हें उनकी सरकार ने कितना मुआवजा दिया है?
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