FIR, शिकायत, कसूर..सियासत का 'बदलापुर'! विपक्ष का रिएक्शन, बदले का एक्शन? देखें CG Ki Baat |

FIR, शिकायत, कसूर..सियासत का ‘बदलापुर’! विपक्ष का रिएक्शन, बदले का एक्शन? देखें CG Ki Baat

CG Ki Baat: सियासी लड़ाई का लेवल अप हो चुका है...यहां सवाल ये कि नेताओं के खिलाफ होती शिकायतें, जांच, एक्शन क्या सब सियासी बदले का नतीजा है या फिर अपने नेताओं पर जारी जांच से विपक्ष बौखला रहा है ?

Edited By :   Modified Date:  September 10, 2024 / 11:59 PM IST, Published Date : September 10, 2024/11:59 pm IST

रायपुर: CG Ki Baat जनता ही तय करती है कि कौन पक्ष में बैठेगा और कौन विपक्ष में…2023 में भी चुनावी नतीजों ने पांसा पलटा…कांग्रेस सत्ता से बेदखल हुई और बीजेपी सरकार बनी…सत्ता परिवर्तन के बाद से अब तक प्रदेश के पूर्व CM से लेकर पूर्व मंत्रियों पर FIR दर्ज हो चुकी हैं…शिकायतों पर जांच जारी है जिसने सियासी संग्राम तेज कर दिया है…मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्रियों के आरोप और तीखे बयान…मर्यादा की पटरी छोड़ने लगे हैं…कुल मिलाकर सियासी लड़ाई का लेवल अप हो चुका है…यहां सवाल ये कि नेताओं के खिलाफ होती शिकायतें, जांच, एक्शन क्या सब सियासी बदले का नतीजा है या फिर अपने नेताओं पर जारी जांच से विपक्ष बौखला रहा है ?

छत्तीसगढ़ बना बदलापुर ?
FIR पर सियासत तेज
विपक्षी नेताओं पर एक्शन
बदले से जोड़ा जा रहा कनेक्शन
‘जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा’
‘डरना नहीं, डटे रहना’

छत्तीसगढ़ में पक्ष-विपक्ष में कांग्रेसी नेताओं पर होती FIR पर ठन गई है…पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मो अकबर, विधायक देवेंद्र यादव और अब डॉ शिव डहरिया पर हुई FIR को लेकर बड़े ही तल्ख शब्दों में प्रतिक्रिया दी…सीधे-सीधे इसे बदले और सियासी साजिश बताते हुए इसकी तुलना कुत्ते के भौंकने-डराने तक से कर दी…जबकि, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने मौजूदा सरकार पर तंज कसा कि प्रदेश में सरकार को करने के लिए बहुत से काम हैं,बदले की सियासत के लिए तो अभी 5 साल बचे हैं….।

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दरअसल, 2023 चुनाव के बाद से अभी तक पिछली सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल पर महादेव सट्टा ऐप मामले में FIR हुई, पूर्व मंत्री मो अकबर पर हेडमास्टर की आत्महत्या केस में FIR हुई, पूर्व मंत्री शिव डहरिया पर सरकारी बंगले को खाली करते हुए उसमें लगा सामान उखाड़कर ले जाने के मामले में FIR हुई और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव पर बलौदाबाजार हिंसा-आगजनी केस में FIR हुई, गिरफ्तारी हुई, वो अब तक जेल में हैं…इन सभी कार्रवाईयों को विपक्ष बीजेपी के इशारे पर सियासी बदले के तौर पर किया एक्शन बता रहा है जबकि सत्तापक्ष का साफ कहना है कि कांग्रेस नेताओं ने सत्ता में रहते जो पिछले 5 साल किया है अब उसी का नतीजा भुगत रहे हैं…कानून अपना काम कर रहा है, ऐजेंसीज अपना काम करती रहेंगी…सामने चाहे जो भी नेता हो…।

सत्ता बदलने पर विरोधी पक्ष के नेताओं पर नकेल कसना, कार्रवाई होना नया नहीं है…जनता भी चाहती है कि जिसने भी उनके हक पर डाका डाला उनपर एक्शन होना चाहिए लेकिन यहां सवाल यही है कि कांग्रेसी नेताओं पर होती कार्रवाई कितनी जायज है, कांग्रेस के आरोप कितने सही हैं, ये कांग्रेसियों की बौखालकर है या फिर वाकई कार्रवाईयां बदले के तहत की जा रही हैं ?

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