छत्तीसगढ़ में आय और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की गई वैकल्पिक व्यवस्था, पटवारियों से मिलने वाले दस्तावेजों की अनिवार्यता खत्म |

छत्तीसगढ़ में आय और जाति प्रमाण पत्र बनवाने की गई वैकल्पिक व्यवस्था, पटवारियों से मिलने वाले दस्तावेजों की अनिवार्यता खत्म

जिसमें आवेदक और उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति दर्ज है जो की आमतौर पर लिखी होती है। ऐसे सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में और अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी मौजूद है।

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Modified Date: June 11, 2023 / 10:49 AM IST
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Published Date: June 11, 2023 10:49 am IST

alternative system for making income and caste certificates in chhattisgarh रायपुर। प्रदेश में आय और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए पटवारियों से मिलने वाले दस्तावेजों की अनिवार्यता अस्थाई तौर पर खत्म कर दी गई है। सरकार द्वारा एस्मा लगाए जाने के बाद भी प्रदेश के पटवारी हड़ताल से वापस नहीं लौटे हैं। इस वक्त प्रदेश में कई सारी भर्ती परीक्षाएं चल रही हैं। साथ ही स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन का भी समय है, ऐसे में कई दस्तावेज तुरंत बनाने की जरूरत पड़ रही है, लेकिन पटवारियों की हड़ताल की वजह से लोगों को दिक्कतें पेश आ रही है।

ऐसे में आय और जाति प्रमाणपत्र बनाने में हो रही असुविधा को देखते हुए सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने अस्थाई निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक, अगले आदेश तक जाति प्रमाण पत्र के लिए जरूरी भू-अभिलेख, मिसल, अभिलेख, जनगणना अभिलेख, दाखिल खारिज रजिस्टर, जमाबंदी और खसरे की नकल। जिसमें आवेदक और उसके परिवार के किसी सदस्य की जाति दर्ज है जो की आमतौर पर लिखी होती है। ऐसे सभी दस्तावेज जिला कार्यालय के अभिलेखागार में और अन्य विभागों के विभागीय ऑनलाइन पोर्टल पर भी मौजूद है।

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ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम से मिले दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई

इसलिए ऐसे दस्तावेज पटवारी से लेने के लिए आवेदकों को बाध्य ना करते हुए उनके द्वारा ऑनलाइन या जिला रिकॉर्ड रूम से मिले दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाए। अगर वंशावली की अनिवार्यता है तो जरूरत पड़ने पर तो ऐसी वंशावली ग्राम पंचायत के सचिव या ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकार करते हुए आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। इसी तरह आय प्रमाण पत्र के लिए दस्तावेजों में नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए उनके द्वारा अंतिम वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न लिया जा सकता है या फिर उनके संस्थान के द्वारा जारी वार्षिक आय की जानकारी को मान्य करते हुए आय प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं।

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ग्रामीण क्षेत्रों खेतिहर मजदूरों, छोटे किसानों को आय प्रमाणपत्र के लिए उनका नाम अगर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले सूची में नाम होने या फिर ऐसा राशन कार्ड,मनरेगा जॉब कार्ड या श्रमिक का कार्ड होने पर अगर जरूरत हो तो सरपंच / पंचायत सचिव / पार्षद से भी आय के समर्थन के लिये प्रमाण पत्र लेकर इन दस्तावेजों के आधार पर आवेदकों को आय का प्रमाण पत्र जारी किया जाए। आदेश में ये स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्थिति में इन प्रमाण पत्र के लिये आवेदकों से ऐसे दस्तावेजों की मांग नहीं की जाए, जिसकी पूर्ति के लिये आवेदक को पटवारी के प्रतिवेदन पर निर्भर होना पड़े। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपरोक्त निर्देशों के कड़ाई से पालन कराया जाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।

 
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