रायपुर: Nayay scheme change राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने एक और न्याय योजना शुरू करने का ऐलान कर दिया है। राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय नाम की इस योजना के तहत प्रदेश के साढ़े चार लाख भूमिहीन परिवारों को हर साल 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार ने इस योजना के दायरे में भूमिहीन किसान और मजदूरों के साथ साथ धोबी, लोहार, पुजारी जैसे वर्गों को भी शामिल किया है। क्या है योजना…इससे प्रदेश के भूमिहीन परिवारों की किस्मत कितनी बदलेगी, और इसे लेकर विपक्षी क्यों टेंशन में है?
Nayay scheme change प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में अभी 22 महीने का वक्त बचा है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी से सभी वर्गो को साथ लेकर चल रही है। खास तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर सरकार का जोर है। इसी कड़ी भूपेश सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश के साढ़े चार लाख भूमिहीन परिवारों को सालाना 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस योजना के तहत ना सिर्फ भूमिहीन किसान और मजूदरों को, बल्कि भूमिहीन धोबी, लोहार और पुजारी परिवारों को भी शामिल कर लिया गया है। इसके लिए फिलहाल बजट में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
न्याय योजना के तहत ये राज्य सरकार की ये तीसरी बड़ी घोषणा है। इससे पहले राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 20 लाख किसान परिवारों को आर्थिक मदद दी जा रही है, जिसके तहत हितग्राही किसानों को 10 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। साल 2021 के लिए करीब 1400 करोड़ रुपए की आखिरी किश्त भी जल्द देने की तैयारी है। उसी तरह 2 रुपए किलो गोबर खरीदी वाली गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 1.50 लाख चरवाहे, पशुपालक, किसान परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है। योजना के तहत अब तक 122 करोड़ रुपए की गोबर खरीदी की जा चुकी है। अब नई योजना के तहत साढ़े 4 लाख भूमिहीन परिवारों को आर्थिक मदद के लिए चिन्हित किया जा चुका है। सरकार का लक्ष्य ऐसे 10 लाख परिवार तक मदद पहुंचाने की है। हालांकि विपक्ष न्याय योजना को अन्याय योजना बता कर सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है।
भूपेश सरकार की न्याय योजना पर विपक्ष भले सवाल उठाए, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक की मानें तो राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और अब भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के जरिए कांग्रेस प्रदेश की 80 फीसदी ग्रामीण और किसान आबादी में अपनी पकड़ मजबूत बना रही है। इन तीनों योजनाओं के जरिए 26 लाख से ज्यादा परिवारों में सालाना 6 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर ही है। यानी औसतन हर परिवार को सालाना 23 हजार रुपये का आर्थिक लाभ मिलेगा।