How many people in BJP?

BJP में कितने साय? और कितने निराश? कितनों को नए ठिकाने की तलाश? देखें गरमा गरम डिबेट

chhattisgarh bjp: क्या भाजपा इसके जवाब में कांग्रेस के दिग्गजों को तोड़ने की कोशिश करेगी ? क्या हाशिए पर खड़े नेता नया ठिकाना तलाश रहे हैं ? अपने-अपने कुनबे को संभालने के लिए सियासी दल क्या कर रहे हैं? ऐसे तमाम सवालों का जवाब जानेंगे।

Edited By :   Modified Date:  May 2, 2023 / 11:43 PM IST, Published Date : May 2, 2023/11:40 pm IST

How many people in BJP?: रायपुर। विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले दलबदल का सिलसिला शुरू हो गया है। भाजपा के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय के कांग्रेस में जाने से खलबली मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में कई धाकड़ नेता नजरअंदाज किए जाने से खफा हैं। खासकर भाजपा में ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। सवाल है कि क्या भाजपा के और नेता भी साय की राह अपनाएंगे… क्या भाजपा इसके जवाब में कांग्रेस के दिग्गजों को तोड़ने की कोशिश करेगी ? क्या हाशिए पर खड़े नेता नया ठिकाना तलाश रहे हैं ? अपने-अपने कुनबे को संभालने के लिए सियासी दल क्या कर रहे हैं? ऐसे तमाम सवालों का जवाब जानेंगे।

भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता नंदकुमार साय बेरुखी की वजह से BJP को बाय-बाय कर चुके हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा के कई और नेता भी साय की राह अपना सकते हैं।पार्टी के कई वरिष्ठ नेता हाशिए पर हैं। उन्हें ना तो कोई विशेष जिम्मेदारी दी जा रही है ना ही उनसे सलाह ली जा रही है। ऐसे में उनके भी पार्टी छोड़ने की आशंका बनी हुई है। इन नेताओं में पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू, ननकीराम कंवर, रामविचार नेताम, गणेश राम भगत, रामसेवक पैकरा, रमशीला साहू, पूर्व सांसद लखन लाल साहू, पूर्व विधायक राजू सिंह क्षत्रि, अशोक शर्मा और सच्चिदानंद उपासने शामिल हैं। हालांकि कोई भी नेता खुलकर कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं।

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भाजपा के अलावा कांग्रेस में भी कई नेता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तो अपनी नाराजगी कई बार जाहिर कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ला, सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, पूर्व विधायक स्वरूपचंद जैन, वरिष्ठ नेता पारस चोपड़ा, गजराज पगारिया, बदरुद्दीन कुरैशी और नीता लोधी भी नाराज नजर आती हैं। इन सभी को लगता है कि इनकी काबिलियत के अनुसार उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल के वरिष्ठ नेता इस बात को कबूल करते हैं कि पार्टी में कई धाकड़ नेता नाराज हैं लेकिन उन्हें ये भी यकीन है कि वक्त रहते पार्टी नाराज नेताओं को मना लेगी। हालांकि सियासी जानकारों की मानें तो चुनाव के नजदीक आने के साथ पार्टियों में भगदड़ मच सकती है। लिहाजा दोनों ही दलों को अपने कुनबे को संभालना होगा।

रिपोर्ट — राजेश मिश्रा IBC 24 रायपुर