रायपुर : Hit And Run Law : केंद्र सरकार ने हिट एंड रन के नये कानून को लागू कर दिया है। जिसमें ड्राइवर को 10 साल तक की सजा और 7 लाख के जुर्माने का प्रावधान । कानून लागू होने के बाद से ही इसका देश भर में विरोध हो रहा है। देशभर के ट्रक ड्राइवरों में भारी गुस्सा है। कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवर्स और ट्रांसपोर्टर्स ने हड़ताल शुरू कर दी है। कई शहरों में चक्काजाम किया गया। देश में करीब 1 करोड़ ट्रक हैं, जिससे करोड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था में भी ये बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में इस हड़ताल और विरोध के चलते ना सिर्फ आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं बल्कि इससे बड़ा आर्थिक नुकसान भी जुड़ा है। ऐसे में सवाल ये है कि नए कानून का विरोध की असल वजह क्या है। क्या नए कानून के प्रावधान बहुत ज्यादा कड़े हैं, क्या इससे हिट एंड रन के मामलों में कमी आएगी।
Hit And Run Law : केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे ‘हिट एंड रन’ के नए कानून को लेकर कई राज्यों में सड़कों पर कोहराम मचा है। ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स चक्काजाम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के भी कई शहरों में चक्काजाम कर विरोध किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। AIMTC का कहना है कि हिट एंड रन’ के नए कानून में 10 साल की सजा के प्रावधान के चलते अब ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं। जिससे परिवहन उद्योग पर संकट मंडरा रहा है।
हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर के साथ ही ट्रांसपोर्टर्स और प्राइवेट बस ऑपरेटर भी हड़ताल पर चले गए हैं। ट्रक ड्राइवरों का आरोप है कि नए कानून के चलते उनके बिना गलती के सजा भुगतनी पड़ेगी।
Hit And Run Law : हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक और बस ड्राइवर संगठन के प्रदर्शन के चलते कुछ स्थानों पर पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प भी हुई। वहीं इस आंदोलन पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीच का रास्ता निकालने की मांग की है तो वहीं मध्यप्रदेश परिवहन मंत्री का कहना है कि हड़ताल समस्या का हल नहीं है।
बता दें कि हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 – लापरवाही से वाहन चलाना, 304A – लापरवाही के कारण मौत और 338 – जान जोखिम में डालने के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें अभी दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 यानि हत्या की धारा भी जोड़ दी जाती है। संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा और 7 लाख तक का जुर्माना भुगतना होगा.. इसी नए प्रावधान का विरोध किया जा रहा है।